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राशन के लिए 31 लाख लोगों का होगा वेरिफिकेशन, करना होगा ये काम

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आगरा
आगरा में फर्जी तरीके से राशन ले रहे लोगों को जल्द यह सुविधा बंद हो जाएगी। सरकार राशन ले रहे लोगों के बायोमेट्रिक सत्यापन का अभियान शुरू करने जा रही है। जनपद में मौजूद 7.40 लाख राशनकार्ड की 31 लाख यूनिटधारकों को राशन लेने के लिए अब बायोमेट्रिक ई-केवाईसी करानी होगी। जो यूनिटधारक बायोमेट्रिक ई-केवाईसी कराने में असफल रहेंगे, उन्हें राशन मिलना बंद हो जाएगा।

कोरोना काल से केन्द्र व राज्य सरकार गरीब लोगों को मुफ्त राशन दे रही हैं। सरकार का मानना है कि बीते तीन साल में बड़ी संख्या में लोगों ने मुफ्त राशन लेने के लिए फर्जी राशनकार्ड बनवा लिए अथवा राशनकार्ड में फर्जी यूनिट जुड़वा लीं। कई जगह से रिपोर्ट आने के बाद अब सरकार प्रदेश के 5 करोड़ कार्डधारकों का बायोमेट्रिक सत्यापन कराने जा रही है।

जिला पूर्ति अधिकारी संजीव कुमार सिंह ने बताया कि अगले महीने से जनपद के सभी राशनकार्डधारकों व उसमें शामिल यूनिटधारको का बायोमेट्रिक सत्यापन शुरू होगा। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान प्रत्येक राशनकार्डधारक और कार्ड में शामिल यूनिटधारकों को राशन की दुकान पर जाकर ई-पॉज मशीन में अपने अंगूठे की छाप लगानी होगी। यदि कोई यूनिटधारक बायोमेट्रिक कराने राशन दुकान पर नहीं पहुंचता है तो उसे फर्जी मानकर राशन नहीं दिया जाएगा।

राशन लेना है तो दुकान तक पहुंचना होगा बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए प्रत्येक यूनिटधारक को एक बार राशन की दुकान पर अपने अंगूठे की छाप देने के लिए आना होगा। चाहे वह देश के किसी भी कोने में रह रहा हो। अभियान की अवधि के दौरान ही उसे सत्यापन कराना होगा। अभी आगरा जनपद में कुल 7.40 लाख राशनकार्ड और 31 लाख यूनिट हैं। अभियान के दौरान सभी 31 लाख लोगों को राशन की दुकान तक आना पड़ेगा।

70 हजार राशनकार्ड हो चुके हैं निरस्त
ई-पॉज मशीन से राशन मिलने की सुविधा शुरू होने के बाद से अबतक जनपद में 70 हजार से अधिक राशनकार्ड निरस्त हो चुके हैं। कोरोना काल में मुफ्त राशन मिलने पर लोगों ने दोबारा कार्ड बनवा लिए थे। इस दौरान जनपद में करीब 40 हजार नए कार्ड बने थे। अब सरकार बायोमेट्रिक सत्यापन करके फर्जी लोगों को राशन प्रक्रिया से बाहर करने की तैयारी में है।