होम्योपैथी अस्पताल में कार्य कर रही है सोरायसिस इकाई
भोपाल
भोपाल के सरकारी होम्योपैथी चिकित्सालय में पिछले 2 वर्षों में 125 से अधिक मरीजों का सोरायसिस बीमारी का सफलतापूर्वक इलाज किया गया है। सोरायसिस त्वचा की गंभीर बीमारी मानी जाती है।
होम्योपैथी अस्पताल में सोरायसिस बीमारी के मरीजों का उचित रूप से परीक्षण कर एक निश्चित विधि से बीमारी का जड़ से इलाज किया जाता है। सोरायसिस त्वचा संबंधी एक रोग है, जिसमें त्वचा पर लाल चकते उभर आते हैं, उस पर सफेद पर्त सी जम जाती है। यह बीमारी पीड़ित व्यक्ति को मानसिक तनाव झेलने के लिये मजबूर कर देती है। सोरायसिस इकाई की प्रमुख होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. जूही गुप्ता ने बताया कि सोरायसिस बीमारी से दुनियाभर में लाखों लोग प्रभावित हैं।
होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की विशेषता है कि यह सोरायसिस बीमारी के लक्षणों का बारीकी से अध्ययन करती है। इसके साथ ही प्रत्येक मरीज की शारीरिक एवं मानसिक अवस्था बीमारी से कैसे प्रभावित हो रही है, इस पर पूरा ध्यान देती है। यह बीमारी हर व्यक्ति में स्वयं को अलग-अलग प्रकार से व्यक्त करती है। इस वजह से प्रत्येक व्यक्ति को उसकी शारीरिक एवं मानसिक अवस्था के अनुरूप दवाई की आवश्यकता होती है। कोलार-नेहरू नगर बायपास रोड मेनिट के पीछे आयुष परिसर में स्थित सरकारी होम्योपैथी अस्पताल में इस रोग का नि:शुल्क इलाज किया जाता है।
शासकीय होम्योपैथी चिकित्सा महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. बबीता श्रीवास्तव ने बताया कि इस रोग के शोध के लिये महाविद्यालय में विशेष इकाई की स्थापना की जा रही है।