Home छत्तीसगढ़ अरपा किनारे भोजली घाट और तीजा घाट बनेगा

अरपा किनारे भोजली घाट और तीजा घाट बनेगा

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अरपाचल भोजली विसर्जन कार्यक्रम  में शामिल हुए विधायक शैलेश पांडे

विधायक पांडे ने कहा- छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं हमारे शहर की महिलाएं

बिलासपुर
 आज भोजली पर्व धूमधाम से शहर में मनाया गया । गाजे बाजे के साथ भोजली गीत गाते हुए महिलाएं अपने सिर पर टोकरी मे भोजली लेकर अरपा नदी के तट पर विसर्जन करने पहुंची।  सरकंडा नूतन कन्या शाला परिसर मैं आयोजित अरपा  पांचल भोजली विसर्जन कार्यक्रम में विधायक शैलेश पांडे भी शामिल हुए । उन्होंने महिलाओं एवं बच्चों के साथ भोजली के गीत भी गाए। भोजली का महत्व बताया । अरपाचल भोजली विसर्जन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक शैलेश पांडे ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में हमारी संस्कृति को आगे बढ़ने का काम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर रहे हैं।

 हमारी संस्कृति हमारी खेल हमारे धरोहर सुरक्षित रहे और पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए हमारे शहर की माताएं एवं बहनें भी आज भोजली विसर्जन कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने कहा कि आज भोजली का बहुत बड़ा महत्व है। एक सप्ताह पहले से महिलाएं अपने घर में भोजली की तैयारी करती हैं।  यही कारण है कि आज भोजली विसर्जन करने के लिए महिलाएं काफी संख्या में यहां पहुंची हैं और बिलासपुर शहर की सैकड़ो साल पुरानी परंपरा को आगे बढ़ा रही है।  

रक्षाबंधन के दूसरे दिन भोजली विसर्जन के साथ ही महिलाएं एक दूसरे के कानों में भोजली लगती हैं।  और बरसों पुरानी भोजली के दिन अपनी मित्रता का का संदेश देने का काम हमारी माताएं एवं बहने कर रही हैं । उन्होंने भोजली विसर्जन के दौरान सभी महिलाओं एवं बहनों को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए अरपाचल भोजली विसर्जन कार्यक्रम के आयोजन समिति को बधाई दी एवं शिव घाट में भोजली विसर्जन की परंपरा को  आगे बढ़ाने के लिए सभी को बधाई दी है ।

 आज के कार्यक्रम में प्रमुख रूप से आयोजन समिति के प्रमुख पिकू पांडे ने भोजली विसर्जन में शामिल सभी महिलाओं के प्रति आभार जताया । भोजली विसर्जन में प्रमुख रूप से  माधुरीपूणाचंद्ररा, सूर्यमणि तिवारी, घनश्याम कश्यप, चितरंजन सिंह राजपूत,  भारत जुरियानी, तिलक कश्यप रीता मजूमदार,  राजू यादव, किरण धुरी, सीता पटेल के अलावा आयोजन समिति की महिलाएं काफी संख्या में शामिल थी मोदी विसर्जन शिव घाट सरकंडा में किया गया। गाजे बाजे के साथ महिलाएं भोजली गीत गाते हुए शहर में निकली ।