भोपाल
ऐतिहासिक और गौरवशाली विरासत को समेटे श्योपुर किले के दिन अब फिरने जा रहे हैं। किले को एक हेरिटेज होटल में बदला जाएगा। मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड ने इसके लिए सभी जरुरी तैयारियां कर ली हैं। किले को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर हेरिटेज होटल के संचालन के लिए दिया जाएगा।
बोर्ड ने इसके लिए ऐसी निजी कंपनियों से प्रस्ताव आमंतित्र किए हैं जिन्हें हेरिटेज होटल के संचालन का अनुभव और रुचि हो। वीरान और जर्जर हो रहे इस किले के हेरिटेज होटल में तब्दील होने से यहां पर्यटन और रोजगार बढ़ने की भी संभावना है। इसका सीधा लाभ यहां के ग्रामीणों को भी मिलेगा। गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही राजघराने से मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने इस किले का अधिग्रहण किया गया है।
यह है किले की खासियत
पालपुर गढ़ी का निर्माण 18वीं सदी की शुरूआत में करौली के राजा गोपाल सिंह ने कराया था। यह चारों ओर ऊंची दीवार से घिरा है। इसके अलावा कूनो नदी इसके प्राकृतिक सुरक्षा दीवार के रूप में काम करती है। किले के अंदर एक मंदिर और कचहरी मौजूद है। किले के अंदर जाने के लिए दो दरवाजे हैं, जिनमें से एक दोमंजिला है।
यह है यहां दर्शनीय
सीप एवं कलवाल नदी के संगम पर बना यह किला प्रस्तर शिल्प का बेजोड़ नमूना है पुरातत्व संग्रहालय के लिए यहाँ 425 बेशकीमती मूर्तियों का भी संग्रह किया गया हैं। यहा स्थित गूजरी महल नरसिंह महल, दरबार होल, राजा इन्द्र सिंह व राजा किशोरदास की छतरियां दर्शनीय हैं।