छिंदवाड़ा। मुख्यमंत्री कमलनाथ 40 साल के चुनावी कॅरियर में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। 29 अप्रैल को छिंदवाड़ा लोकसभा सीट के साथ ही विधानसभा का उपचुनाव भी होना है, जिसमें कमलनाथ के सामने भाजपा के विवेक बंटी साहू मैदान में हैं। दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दीपक सक्सेना 14547 वोट से जीते थे। उन्हें कमलनाथ का करीबी माना जाता है और इसलिए उन्होंने कमलनाथ के लिए अपनी सीट खाली कर दी थी। अब कमलनाथ मुख्यमंत्री हैं और छिंदवाड़ा उनका गढ़ है। ऐसे में यहां कांग्रेस से ज्यादा नाथ ही चर्चा में हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा केंद्रीय योजनाओं और मोदी लहर के भरोसे है, जबकि नाथ को क्षेत्र से जमीनी जुड़ाव होने का फायदा मिलने की संभावना है। 2013 के विस चुनाव में दीपक सक्सेना 25 हजार वोटों से हारे थे लेकिन 4 माह बाद लोकसभा में यहां कमलनाथ को 35 हजार वोटों की जीत मिली थी। छिंदवाड़ा विधानसभा के लिए भाजपा के प्रभारी विजय झांझरी कहते हैं कि छिंदवाड़ा के लोग परिवारवाद की राजनीति से नाराज हैं। झांझरी से जब हमने पूछा कि मैदान में यह करंट क्यों नहीं दिख रहा है तो उन्होंने मुस्कुराकर सिर्फ इतना कहा कि हम छापामार युद्ध कर रहे हैं। वहीं विवेक का कहना है कि कांग्रेस धनबल के साथ चुनाव मैदान में है। भाजपा भीतर से मजबूत है। राममंदिर क्षेत्र निवासी शिव विश्वकर्मा कहते हैं कि नाम बड़े और दर्शन खोटे। नाथ 40 साल से छिंदवाड़ा में हैं, लेकिन आज भी यहां के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए दूसरे शहर जाना पड़ता है। उच्च शिक्षित युवाओं के लिए यहं नौकरी के कोई अवसर नहीं है।