नईदिल्ली
कोविड महामारी की मार से जूझ रही टूरिजम इंडस्ट्री अब पुरानी लय पर लौटने लगी है। बीते तीन वर्षों में टूरिस्टों की तादाद लगातार बढ़ी है। साल 2023 की पहली छमाही में टूरिज़म के जो आंकड़े सामने आए हैं, वह इस सेक्टर की खोई मुस्कान लाने के लिए काफी हैं। यह बताते हैं कि इस साल घरेलू टूरिस्टों के साथ विदेशी टूरिस्टों की आवक भी बढ़ी है। सरकार इसकी वजह G20 के आयोजनों को मान रही है। उसे उम्मीद है कि जी20 आयोजन के बाद भारत में विदेशी टूरिस्टों की तादाद और बढ़ेगी।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के आला सूत्र का कहना है कि G20 के तहत देश में अब तक 200 से ज्यादा आयोजन हो चुके हैं, जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी मेहमान आए। इनमें मंत्री से लेकर सरकारी अधिकारी तक शामिल थे। वे सब यहां इतने प्रभावित हुए कि ज्यादातर लोगों ने अपने परिवार और परिजनों के साथ फिर भारत आने की बात कही है। पर्यटन मंत्रालय इन्हें अपना ब्रैंड ऐंबैसडर मान रहा है।
आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 से 2023 के बीच विदेशी टूरिस्टों की आवक 106.2% बढ़ी है। विदेशी टूरिस्टों के आने से देश को साल में विदेशी मुद्रा का फायदा भी हुआ। जहां साल 2022 में 6.090 अरब डॉलर की मुद्रा आई तो 2023 में 13.014 अरब डॉलर मुद्रा भंडार बढ़ा। यह बढ़ोतरी 114% की रही। साल 2019 में 14.534 अरब डॉलर थी।
कश्मीर में सूरत बदली
सरकार का मानना है कि धारा 370 के निष्प्रभावी होने के बाद जम्मू-कश्मीर में टूरिजम की सूरत काफी बदली है। साल 2021 में जम्मू-कश्मीर में 113.15 लाख घरेलू टूरिस्ट पहुंचे। विदेशी पर्यटकों की तादाद 0.02 लाख थी। साल 2022 में घरेलू पर्यटकों की संख्या 194.99 लाख रही और विदेशी पर्यटकों की तादाद 0.20 लाख थी। साल 2023 की पहली छमाही में घरेलू पर्यटकों की संख्या 109.15 लाख रही। इस दौरान 0.16 लाख विदेशी पर्यटक कश्मीर पहुंचे।
काशी में भी बढ़े टूरिस्ट
पर्यटन मंत्रालय का मानना है कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र और देश की आध्यात्मिक नगरी कही जाने वाली वाराणसी में भी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद टूरिस्टों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। साल 2021 में 68.81 लाख घरेलू टूरिस्ट पहुंचे तो 0.03 लाख विदेशी, साल 2022 में यहां 716.12 लाख घरेलू तो 0.90 लाख विदेशी आए। साल 2023 की जनवरी से मई तक 229.75 लाख घरेलू और 0.37 लाख विदेशी पर्यटक काशी पहुंचे।