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अजमेर से हटाए गए 48 BLO, भाजपा बोली- कांग्रेस संभावित हार से बौखलाई

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 अजमेर

अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के 48 बीएलओ को हटाए जाने पर विधायक वासुदेव देवनानी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की कांग्रेस विधानसभा चुनाव की संभावित हार से बौखला गई है और अब सरकारी मशीनरी का नियम विरुद्ध उपयोग कर रही है।

बीएलओ को हटाए जाने के आदेश को निरस्त करने की मांग को लेकर देवनानी ने जिला निर्वाचन अधिकारी डॉक्टर भारती दीक्षित और चुनाव आयुक्त को लिखित में शिकायत दी है।

बीएलओ नियुक्त मामले में बोलीं देवनानी

देवनानी ने पत्रकार वार्ता कर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के 194 में से 48 बीएलओ को हटाकर उनकी जगह नई बीएलओ नियुक्त करने के मामले पर कहा कि प्रशासन द्वारा यह कार्रवाई बिना सोचे समझे और उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लिए बिना अंजाम दी गई है । जिससे साफ प्रतीत होता है कि निष्पक्ष निर्वाचन प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।

जिला निर्वाचन अधिकारी और चुनाव आयुक्त को दी गई शिकायत में देवनानी ने कहा कि अंतिम मतदाता सूची पर आपत्तियां और निस्तारण की प्रक्रिया फिलहाल जारी है और यह प्रक्रिया विभिन्न क्षेत्रों में नियुक्त बूथ लेवल ऑफिसर के माध्यम से की जा रही है।
बीएलओ की नियुक्ति करने से अंतिम मतदाता सूची तैयार होने में हो रहा व्यवधान उत्पन्न

देवनानी ने कहा कि जिन 48 बीएलओ को हटाने के आदेश अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट शहर द्वारा जारी किए गए हैं वह पिछले काफी समय से अपने क्षेत्र की मतदाता सूची पर काम कर रहे हैं और अंतिम समय में इन्हें हटाकर नए बीएलओ की नियुक्ति करने से अंतिम मतदाता सूची तैयार होने में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है।

देवनानी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं के इशारों पर इन बीएलओ को हटाकर नई नियुक्तियां की गई हैं जबकि नए नियुक्त बीएलओ संबंधित क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और मतदाताओं के आंकड़ों से भली-भांति परिचित भी नहीं है।

ऐसे में मतदाता सूची की तैयारी पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना है और बड़ी संख्या में मतदाताओं के मतदान से वंचित होने की भी आशंका बन गई है।

देवनानी ने कहा कि नए नियुक्त बीएलओ हाल ही में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में अपना स्थानांतरण करवा कर अजमेर आए हैं जिनके राजनीतिक रूप से प्रभावित होने की पूरी संभावना है।

चुनावी प्रक्रिया में इसलिए हो रहा संदेह

जिला निर्वाचन अधिकारी और चुनाव आयुक्त को दी शिकायत में देवनानी ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया का समय नजदीक आने के साथ ही अचानक से 48 बीएलओ को हटाकर नए को नियुक्त करना चुनावी प्रक्रिया में संदेह भी उत्पन्न करता है कि क्या किसी क्षेत्र विशेष के मतदाताओं के नाम हटाने एवं अधिक संख्या में नाम जोड़े जाकर जिससे कि मतदान को विपरीत रूप से प्रभावित किया जा सके।

16 हजार मतदाताओं का नाम कटवाने का दावा

ऐसा लगता है कि इतनी बड़ी संख्या में बीएलओ को बदलना किसी को राजनीतिक विशेष को लाभ दिलाने के लिए किया जा रहा है। देवनानी ने कहा कि कुछ समय पहले कांग्रेस के प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता ने उत्तर विधानसभा क्षेत्र के 16 हजार मतदाताओं के नाम सूची में से कटवाने का दावा भी किया था और अब इन बीएलओ को हटाने के आदेश निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया में संदेह पैदा करते हैं।

देवनानी ने आदेशों को तुरंत निरस्त करने की मांग की और ऐसा नहीं होने पर संवैधानिक कार्यवाही करने की चेतावनी दी। देवनानी ने अधिकारियों से कहा कि सरकारें तो आती और जाती हैं अधिकारी निष्पक्षता और पारदर्शिता से काम करें अन्यथा उनको इसके गंभीर परिणाम भविष्य में भुगतने पड़ सकते हैं ।