नई दिल्ली
भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने केंद्र सरकार के 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' (वीवीपी) के तहत सीमावर्ती गांव के लोगों से जुड़ने के लिए विशाल पैमाने पर 'रक्षाबंधन' कार्यक्रम का आयोजन किया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
आईटीबीपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं और लड़कियों ने बुधवार और बृहस्पतिवार को त्योहार मनाने के लिए लद्दाख, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के अग्रिम इलाकों में तैनात जवानों की कलाई पर राखी बांधी।
लगभग 90 हजार जवानों के मजबूत बल को मुख्य रूप से 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रक्षा करने का काम सौंपा गया है। एलएसी देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्से में उपरोक्त राज्यों से होकर गुजरती है। कार्यक्रम की तस्वीरों में वर्दी पहने आईटीबीपी जवान स्थानीय महिलाओं के साथ मिठाई और शुभकामनाओं का आदान प्रदान करते दिख रहे हैं।
सुरक्षा बल के दिल्ली स्थित मुख्यालय की ओर से सभी सीमा इकाइयों और पोस्ट को वीवीपी के तहत रक्षाबंधन पर्व के मद्देनजर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया था। अधिकारी ने बताया कि वीवीपी के तहत पहली बार इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम के पहले चरण के तहत सीमावर्ती के 662 गांवों को दायरे में लिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 10 अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश के किबिथू से इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी।