सालालाह
मनिंदर सिंह और मोहम्मद राहील के क्रमश: चार और तीन गोल की मदद से भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने एशियाई हॉकी 5 विश्व कप क्वालीफायर के पहले मैच में बांग्लादेश को 15.1 से हराया।
मनिंदर ने 10वें, 18वें, 28वें और 30वें मिनट में गोल दागे। वहीं राहील ने दूसरे, 15वें और 24वें मिनट में गोल किया।
सुखविंदर ने 13वें और 22वें, गुरजोत सिंह ने 13वें और 23वें, पवन राजभर ने 19वें और 26वें मिनट में गोल किये। मनदीप मोर ने आठवें और दिप्सन टिर्की ने नौवे मिनट में गोल दागा।
बांग्लादेश के लिये एकमात्र गोल सावन सरोवर ने दूसरे मिनट में किया।
भारत ने आक्रामक शुरूआत की और पवन ने विरोधी सर्कल में प्रवेश किया लेकिन बांग्लादेश ने उन्हें गोल नहीं करने दिया। जवाबी हमले में बांग्लादेश के लिये सरोवर ने गोल दाग दिया।
इसके बाद भारतीय कप्तान मनदीप ने आठवें मिनट में गोल दागकर शुरूआत की और फिर भारतीय खिलाड़ियों ने मुड़कर नहीं देखा।
बीमारी के कारण एशिया कप से बाहर बांग्लादेशी विकेटकीपर लिटन दास
ढाका
बांग्लादेश के विकेटकीपर बल्लेबाज लिटन दास बीमारी के कारण बुधवार को एशिया कप से बाहर हो गए जिससे श्रीलंका के खिलाफ पहले मैच से पूर्व उनकी टीम को करारा झटका लगा।
दास वाइरल बुखार से उबर नहीं सके जिसकी वजह से श्रीलंका नहीं जा पाये। बांग्लादेश का सामना पहले मैच में श्रीलंका से होना है। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने उनकी जगह 30 वर्ष के विकेटकीपर बल्लेबाज अनामुल हक बिजॉय को टीम में शामिल किया है जो बुधवार को टीम से जुड़ेंगे।
बोर्ड की राष्ट्रीय चयन समिति के अध्यक्ष मिन्हाजुल अबेदिन ने कहा, ‘‘अनामुल ने घरेलू क्रिकेट में रन बनाये हैं और हमने बांग्लादेश टाइगर्स कार्यक्रम में उनका प्रदर्शन देखा है। लिटन के उपलब्ध नहीं होने से उन्हें मौका दिया गया।''
प्रज्ञानानंदा का घर पहुंचने पर नायकों की तरह स्वागत
चेन्नई
फिडे विश्व कप में रजत पदक जीतकर फिडे कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिये क्वालीफाई करने वाले भारतीय शतरंज स्टार आर प्रज्ञानानंदा का स्वदेश पहुंचने पर बुधवार को भव्य स्वागत किया गया।
प्रदेश के खेल विभाग के अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। उनके प्रशंसक निकास द्वार पर जमा थे और उन्हें फूलों का गुलदस्ता, शॉल और फूलों का मुकुट प्रदान किया। उनके बाहर निकलने पर उन पर फूल बरसाये गए और कलाकारों ने तमिलनाडु के लोकनृत्य प्रस्तुत किये। उन्होंने अपने वाहन के दोनों तरफ खड़े मीडिया से कहा, ‘‘मैं इस स्वागत से अभिभूत हूं।'
उनकी मां नागलक्ष्मी भी अपने 18 वर्षीय बेटे के स्वागत से भावविभोर थी। भारतीय ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानानंदा को बाकू में फिडे विश्व कप फाइनल में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन ने हराया। इसके बावजूद उन्होंने अपने प्रदर्शन से करोड़ों देशवासियों का दिल जीत लिया।