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अयोध्या में रामलला के श्रद्धालुओं को 45 मिनट लगना होगा लाइन में, दर्शन के लिए मिलेंगे सिर्फ 20 सेकेंड

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अयोध्या

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो रहा है। इसको लेकर तैयारियों को अंजाम दिया जा रहा है। निर्माण कार्य की गति को तेज किया गया है। पहले फेज के तहत ग्राउंड फ्लोर के निर्माण का कार्य दिसंबर तक पूरा करा लिया जाना है। इसके बाद मंदिर में रामलला की स्थापना कराई जाएगी। अभी रामलला को टेंपररी मंदिर में रखा गया है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के बाद रामलला गर्भगृह से दर्शन देंगे। प्रभु रामलला का दर्शन करने आने वालों को मिलने वाले समय को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि मंदिर कॉम्प्लेक्स में आने वाले भक्तों को करीब एक घंटे रहने का मौका मिलेगा। रामलला का दर्शन करने के लिए करीब 45 मिनट का इंतजार भक्तों को करना होगा। रामलला का दर्शन भक्त 20 सेकेंड्स तक कर सकेंगे। इसके बाद भक्तों को सहूलियत से मंदिर कॉम्प्लेक्स से बाहर निकलने का इंतजाम रहेगा।

 

मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ने कहा कि श्रद्धालुओं को औसतन 20 सेकंड तक रामलला के दर्शन का मौका मिलेगा। राम मंदिर निर्माण के बाद रामलला का दर्शन करने वालों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहे नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि भगवान राम का दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को परिसर में कम से कम एक घंटा बिताने का समय बिताने का मौका मिलेगा। राम मंदिर की व्यवस्था की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि भक्तों को पहले मंडप तक पहुंचने में कम से कम 45 मिनट का समय लगेगा। राम मंदिर के निर्माण की पहली डेडलाइन दिसंबर 2023 में पूरी हो रही है। इस समय मंदिर का ग्राउंड फ्लोर बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण तीन एकड़ में हो रहा है। परिक्रमा ग्राउंड परकोटा के निर्माण के बाद राम मंदिर अपने भव्य रूप में दिखेगा।

 

 

सुरक्षा व्यवस्था होगी चाक-चौबंद

राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया जाएगा। नृर्पेंद्र मिश्रा ने इसको लेकर कहा कि मंदिर की सुरक्षा के लिए एक लेयर और बढ़ाया जाएगा। मंदिर के ओवर ऑल व्यू को सुरक्षा कर देने के लिए यह लेयर बढ़ाया जा रहा है। इसके साथ इंफॉरर्मेशन और इंटेलिजेंस सिस्टम भी विकसित किया जा रहा है। इसकी व्यवस्था गृह मंत्रालय की ओर से की जा रही है। पूरे क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था के लिए ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया गया है। मंदिर में भीड़ नियंत्रण सिस्टम का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को 50 हजार, 1 लाख, 5 लाख और 10 लाख के आधार पर रखते हुए प्लानिंग तैयार की गई है। भीड़ नियंत्रण के लिए आने वाली चुनौतियों से निपटने की भी तैयारी की जा रही है। इसको लेकर सुरक्षा एजेंसी अपने स्तर पर प्लान तैयार कर मंदिर समिति के समक्ष रखेगी।

 

मंदिर में नहीं हुआ स्टील का प्रयोग

राम मंदिर के निर्माण के बारे में जानकारी देते हुए नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि इसमें स्टील का प्रयोग नहीं किया गया है। मंदिर के निर्माण में सामान्य सीमेंट का भी प्रयोग नहीं हुआ है। मंदिर का निर्माण मुख्य रूप से पत्थर से किया गया है। राम मंदिर की नींव 12 मीटर गहराई तक रखी गई है। नींव की अर्थ रिफिलिंग का काम इस प्रकार की टेक्नोलॉजी के जरिए किया गया है, जो 28 दिन में पत्थर में बदल जाता है। मंदिर के निर्माण के हर लेयर का काम पूरा होने के बाद उसके मजबूती की जांच की गई है। इसके बाद ही अगले लेयर के निर्माण का काम शुरू किया गया है। मंदिर निर्माण में 47 लेयर निर्माण हो चुका है। अब तक हुए कार्य को लेकर हम लोग शोध पत्र तैयार कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मंदिर निर्माण में किसी प्रकार का सुझाव आने के सवाल पर नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि पीएम इसमें सक्रिय रूप से रुचि दिखाई है। उन्होंने हमें जो टास्क सौंपा है। हमसे जो उम्मीदें हैं, मैं उस पर खड़ा उतरने की कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि एक बार प्रधानमंत्री ने हमें मंदिर के जरिए मर्यादा पुरुषोत्तम की छवि को प्रदर्शित करने की बात कही थी। प्रभु राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे। यहां की शासन व्यवस्था संभाली और मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में जाने गए। मंदिर से उनकी वही छवि प्रदर्शित करने की कोशिश होगी।
 

आखिरी चरण में फर्स्ट फेज का निर्माण

 

राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने रविवार को सोशल मीडिया पर मंदिर के प्रवेश द्वार और यहां तक पहुंचने वाली सीढ़ियों की तस्वीर पोस्ट की। इसके जरिए उन्होंने यह बताने की कोशिश की है कि मंदिर का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में चल रहा है। मंदिर तक पहुंचने का रास्ता बन कर तैयार हो गया है। अयोध्या के मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट के डायरेक्टर विनोद कुमार ने भी मंदिर निर्माण की प्रगति की जानकारी हासिल की। उनके साथ उनकी पत्नी ने भी अस्थाई राम मंदिर में रामलला की पूजा अर्चना की। विनोद कुमार ने मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को बताया कि अयोध्या के एयरपोर्ट के प्रथम फेज का निर्माण का कार्य भी अंतिम चरण में चल रहा है। रनवे का निर्माण पूरा हो चुका है। अब टर्मिनल का निर्माण का काम चल रहा है।

विनोद कुमार ने कहा कि नवंबर में राम मंदिर का दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को यहां से हवाई सेवा की उड़ान से सफर करने का मौका मिलने लगेगा। रामलला के दर्शन के समय उन्हें राम मंदिर का स्वरूप और अंगवस्त्र देकर सम्मानित भी किया गया। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामलला के विग्रह का निर्माण तीन मूर्ति विशेषज्ञ तेजी से यहां की कार्यशाला में कर रहे हैं। रामलला के तीन आकर्षक विग्रहों में से उस विग्रह का चुनाव मंदिर ट्रस्ट की ओर से किया जाएगा। इसमें भगवान राम की पांच साल के बालक की मोहक छवि दिखाई देगी। उन्होंने बताया कि राम लला के तीनों विग्रह अक्टूबर 2023 तक बनकर तैयार हो जाएंगे। इसी के साथ भूतल की फर्श और मंदिर के दरवाजे का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। दिसंबर तक सभी निर्माण कार्य पूरे हो जाएंगे।