राजनांदगांव
संस्कारधानी नगरी राजनांदगांव हाकी और क्षांकी के लिए जाना जाता है किंतु अब महाकाल चंद्रमौलेश्वर बाबा की शाही पालकी यात्रा भी उसकी पहचान बन गई है। उज्जैन की तर्ज पर यहां भी महाकाल के भक्तों द्वारा शाही सवारी निकली जाती है। सावन के अंतिम सोमवार 28 अगस्त को बाबा महाकाल राजा चंद्रमौलेश्वर की शाही पालकी यात्रा शीतला मंदिर से निकलेगी। जहां शक्ति का शिव से मिलन होगा।
महाकाल राजा चंद्रमौलेश्वर की शाही पालकी शोभायात्रा हेतु भव्य तैयारी शुरू हो गई है। इस वर्ष की अंतिम शाही पालकी शोभायात्रा के लिए शिव भक्तों में अपार उत्साह देखने मिल रहा, शोभा यात्रा के मार्ग में अनेक स्वागत द्वार, जलपान की व्यवस्था, रास्ते में पढ?े वाले मार्ग में रेड कारपेट बिछाई जा रहे हैं साथ ही घरों में दीप जलाए जाएंगे। महाकाल पालकी यात्रा के संयोजक व समाजसेवी पवन डागा एवं राजू डागा ने बताया कि सोमवार को दोपहर 01 बजे से बाबा की पालकी यात्रा प्रारंभ होगी। यह यात्रा शीतला मंदिर से प्रारंभ होकर शीतला मंदिर रोड, दुर्गा चौक, इंदिरा नगर चौक, नन्दई चौक, कुंआ चौक थाना चौक, सदर लाइन, भारत माता चौक, गंज लाइन से होते हुए बालाजी मंदिर, पुराना गंज पहुंच विश्राम करेंगी। जहां भक्त का भगवान से मिलन होगा।
श्री डागा ने बताया कि सावन की शुरूआत से अब तक सात अलग अलग स्थानों से पालकी यात्रा निकल चुकी है। पालकी यात्रा में सभी वर्ग, समाज, जाति व धर्म ले लोगों की सहभागिता रहती है। शिव भक्तों का अब तक निकली सभी पालकी यात्रा में अपार उत्साह देखने को मिला है। महाकाल की शाही पालकी शोभा यात्रा पूरे राजशाही ठाट-बाट के साथ निकलेगी में बैण्ड बाजे, ढोल नगाड़े, ताशों के साथ घोड़े, बग्गी और सुप्रसिद्ध भजन गायक अभी कौशिक की सुमधुर आवाज में भजन गुंजायमान होंगे। साथ ही सजीव क्षांकी में शिव परिवार एवम उसके गण विशेष आकर्षण होंगें, एक भव्य क्षांकी भी निकलेगी जिसमें शिवलिंग का स्वरूप बड़े आकार में दर्शनीय होगा।