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यूपी के बिजली उपभोक्ताओं बिल में मिल सकती है ये बड़ी राहत, जानें कैसे

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 लखनऊ

 उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियां अब बड़े उपभोक्ताओं के कनेक्शन तथा बिजली से संबंधित अन्य कार्यों में सिर्फ सुपरविजन के आधार पर कार्य के पूरे एस्टीमेट पर जीएसटी नहीं लेंगी। बिजली कंपनियां सिर्फ सुपरविजन चार्ज और इस चार्ज पर लागू जीएसटी ही उपभोक्ता से ले सकेंगी।

इस फैसले से उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन तथा अन्य कार्यों में खर्च होने वाली बड़ी धनराशि की बचत होगी। अभी यह व्यवस्था पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में लागू की गई है। पूर्वांचल ने अपीलेट अथारिटी आफ एडवांस रूलिंग जीएसटी उ.प्र. में याचिका दायर की थी। अथारिटी ने आदेश दिया कि उपभोक्ता द्वारा बिजली कंपनियों की सुपरविजन में खुद कराए जाने वाले कार्यों के लिए पूरे एस्टीमेट राशि पर जीएसटी नहीं देंगे। उपभोक्ता बिजली कंपनियों को सिर्फ सुपरविजन चार्ज और इसी चार्ज पर जीएसटी देगा।

 
पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की याचिका पर हुए आदेश से प्रदेश की अन्य बिजली कंपनियों को अवगत कराया है। आदेश दिया है कि सभी कंपनियां एडवांस रूलिंग याचिका दायर कर तीन सप्ताह में अवगत कराया जाए।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी बिजली कंपनियां एडवांस रूलिंग याचिका दायर कर इस आशय का आदेश प्राप्त कर लें। जिससे भविष्य में जीएसटी विभाग द्वारा बिजली निगमों पर जीएसटी डिमांड, पेनाल्टी लगाए जाने के कारण होने वाली वित्तीय हानि से बचा जा सके। जीएसटी अधिनियम की धारा-103 के मुताबिक अथारिटी द्वारा पारित आदेश सिर्फ आवेदक के कार्यक्षेत्र पर ही लागू होता है।

अन्य बिजली कंपनियां उपभोक्ता से लेंगी क्षतिपूर्ति बांड

आदेश दिया गया है कि अन्य बिजली कंपनियों के पास जब तक अथारिटी से एडवांस रूलिंग नहीं मिल जाए तब तक उपभोक्ता को यह विकल्प दिया जाए कि वह निगम को सिर्फ सुपरविजन चार्ज और उस पर देय जीएसटी का भुगतान करे। साथ ही स्टांप पेपर पर क्षतिपूर्ति बांड जमा कराएं। जिसमें यह लिखा हो कि अथारिटी द्वारा संबंधित प्रकरण में यदि यह आदेश आता है कि उपभोक्ता द्वारा बिजली कंपनियों के सुपरविजन में स्वयं द्वारा विद्युत संरचना का निर्माण, संशोधन तथा स्थानांतरण कराने पर भी पूरे इस्टीमेट राशि पर जीएसटी देय होगा अथवा जीएसटी विभाग द्वारा पूरे इस्टीमेट पर जीएसटी की मांग किए जाने पर उपभोक्ता इस्टीमेट की राशि पर लागू ब्याज, पेनाल्टी सहित एक माह के अंदर निगम को भुगतान करेगा।

ऐसे उपभोक्ताओं को मिली राहत

निर्माण इकाइयां व ठेकेदार: परियोजना क्षेत्र में बिजली लाइन शिफ्टिंग का कार्य इनके द्वारा बड़े पैमाने पर कराए जाते हैं।

अपार्टमेंट व बड़ी हाउसिंग सोसाइटियां: इनके द्वारा भी कनेक्शन के लिए लाइन खींचने व सेपरेट ट्रांसफार्मर लगाने के काम कराए जाते हैं

उद्योग व अन्य बड़े उपभोक्ता: जिनके कनेक्शन में विद्युत लाइन ले जाने व सेपरेट ट्रांसफार्मर की जरूरत होती

सुपरविजन शुल्क
-2.5 फीसदी एनएचएआई देता है
-05 पीडब्ल्यूडी व अन्य विभाग
-15 अन्य उपभोक्ता व निजी औद्योगिक व व्यापारिक प्रतिष्ठान
-18 है जीएसटी की दर