लखनऊ
लखनऊ में अब किरायेदारों और घरों तक सामान पहुंचाने वाले डिलीवरी ब्वॉय का पुलिस से चरित्र सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। पहले सिर्फ इसी सलाह दी जाती थी, पुलिस ने अब इसे धारा 144 के तहत अनिवार्य कर दिया है।
नये नियम के दायरे में मकान और काम्पलेक्स के मालिकों को किरायेदारों और डोर टू डोर दवा, भोजन और अन्य सामान का वितरण कराने वाले प्रतिष्ठानों को डिलीवरी ब्वॉय का सत्यापन कराना होगा। फिलहाल इसके लिए दो माह तक समय दिया गया है। इसके बाद नियम का पालन नहीं करने वालों पर धारा 188 में कार्रवाई होगी।
25 अक्तूबर के बाद कार्रवाई होगी जेसीपी कानून व्यवस्था उपेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। मकान, प्रतिष्ठान मालिकों को दो माह का समय दिया जा रहा है। 25 अक्तूबर तक इन्हें सत्यापन करना होगा। इसके बाद डिलीवरी ब्वॉय, किरायेदारों का सत्यापन नहीं मिलेगा तो कार्रवाई होगी। अगर किरायेदार, डिलीवरी ब्वॉय द्वारा कोई अपराध किया जाता है और इनका पता नहीं चलता है तो मालिकों पर भी कानूनी कार्रवाई होगी।
जेसीपी ने साफ किया कि जोमैटो, स्विग्गी और ऑनलाइन कम्पनी जो घरों तक सामान पहुंचाते हैं, उन्हें भी डिलीवरी ब्वॉय का सत्यापन कराना जरूरी होगा। सत्यापन की जिम्मेदारी मालिक की होगी। जिनसे होम डिलीवरी दी जाती है, उन्हें भी कर्मचारियों का सत्यापन कराना होगा।
वेबसाइट पर फार्म पुलिस सत्यापन से सम्बन्धित फार्म यूपी कॉप एप, यूपी पुलिस की वेबसाइट पर मिलेंगे। इसे ऑनलाइन ही भरना होगा। आवेदन के बाद थाने से ब्योरा मांगा जाता है तो समय से देना होगा। जेसीपी ने कहा कि डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी कोर्ट नोटिस बोर्ड, थानों में इस सम्बन्ध में जानकारी रहेगी।