भोपाल
प्रदेश में अगले 10 दिन तेज बारिश नहीं होगी। ग्वालियर, चंबल, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग में भी लोकल सिस्टम से बूंदाबांदी का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रदेश में अभी सिस्टम की एक्टिविटी नहीं है। इस कारण सीजन में दूसरी बार मानसून ब्रेक की स्थिति बन गई है।
IMD भोपाल के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि पिछले 2-3 दिन से मध्यप्रदेश में कोई भी प्रभावी मानसूनी सिस्टम एक्टिव नहीं है। इससे प्रदेश में बारिश की गतिविधियां घट गई हैं। ग्वालियर, चंबल, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में ही कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हुई है। शनिवार को भी ऐसी ही स्थिति रहेगी। वर्तमान में प्रदेश के कई जिले हैं, जहां औसत से कम बारिश हुई है। अगले 10 दिन तक मानसून ब्रेक की स्थिति में रहेगा। सक्रिय होने की संभावना नहीं है। किसानों के लिए भी एडवाइजरी जारी की गई है।
MP में ओवरऑल 9% कम बारिश
- मध्यप्रदेश में औसत 25.99 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि अब तक 28.62 इंच बारिश होना चाहिए। इस हिसाब से ओवरऑल बारिश का आंकड़ा 9% कम है। पूर्वी हिस्से में औसत से 6% कम और पश्चिमी हिस्से में औसत से 12% कम बारिश हुई है।
- प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश नरसिंहपुर में हुई है। यहां अब तक हुई बारिश का आंकड़ा 41 इंच से अधिक है।
- सिवनी में 37.53 इंच, मंडला-जबलपुर में 35, डिंडोरी में 34 से ज्यादा बारिश हो चुकी है।
- इंदौर, अनूपपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, पन्ना, सागर, शहडोल, उमरिया, रायसेन और नर्मदापुरम में 28 इंच या इससे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
- दमोह, कटनी, निवाड़ी, बैतूल, भिंड, हरदा, रतलाम, सीहोर और विदिशा में आंकड़ा 24 इंच से अधिक है।
इन जिलों में कम बारिश
खरगोन, मंदसौर, बड़वानी, ग्वालियर में सबसे कम कम बारिश हुई है। यहां आंकड़ा 20 इंच से कम है।