मुजफ्फरनगर
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की उस शिक्षिका के व्यवहार पर आपत्ति जताई जिसने अपने छात्रों को अल्पसंख्यक समुदाय के एक छात्र को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के लिए कहा था। राहुल ने कहा कि स्कूल जैसे पवित्र स्थान को नफरत का बाजार बनाया जा रहा है। उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया में प्रसारित शिक्षिका के एक वीडियो पर आई है।
मिली जानकारी के मुताबिक, राहुल ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा कि मासूम बच्चों के मन में भेदभाव का ज़हर घोलना, स्कूल जैसे पवित्र स्थान को नफ़रत का बाज़ार बनाना – एक शिक्षक, देश के लिए इससे बुरा कुछ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि ये भाजपा का फैलाया वही केरोसिन है जिसने भारत के कोने-कोने में आग लगा रखी है। बच्चे भारत का भविष्य हैं – उनको नफ़रत नहीं, हम सबको मिल कर मोहब्बत सिखानी है।
आपको बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी इस घटना पर निराशा जताई और कहा कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को कैसा क्लासरूम, कैसा समाज देना चाहते हैं?'' उन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा कि यहां चांद पर जाने की तकनीक की बातें हो या नफरत की चहारदीवारी खड़ी करने वाली बातें। विकल्प एकदम स्पष्ट है। नफरत तरक्की की सबसे बड़ी दुश्मन है। प्रियंका ने कहा कि हमें एकजुट होकर इस नफरत के खिलाफ बोलना होगा- अपने देश के लिए, तरक्की के लिए, आने वाली पीढ़ियों के लिए।
जानिए, क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि यह वायरल वीडियो मुजफ्फरनगर जिले के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के एक निजी स्कूल का बताया जा रहा है। ऐसा आरोप है कि स्कूल की दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र की शुक्रवार को उसकी कक्षा के अन्य छात्रों ने पिटाई कर दी और कक्षा अध्यापिका के निर्देश पर उसे के बाद एक थप्पड़ मारे। यह भी आरोप है कि वीडियो में एक समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी रविशंकर ने बताया कि वीडियो की जांच से प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई है कि स्कूल का काम पूरा न करने पर छात्र की पिटाई की जा रही थी और वीडियो में कुछ भी आपत्तिजनक बातें नहीं कही गई हैं।