जयपुर
राजस्थान में बिजली संकट गहराता जा रहा है। कमज़ोर मानसून के कारण बिजली की डिमांड बढ़ने और सप्लाई कम मिलने के कारण अब बिजली कंपनियों ने उद्योगों में बिजली की कटौती कर किसानों और आम जनता को पावर सप्लाई देने का फैसला किया है।
प्रदेश की आम जनता और किसानों को पूरी बिजली देने के लिए उद्योगों में सप्ताह में दो दिन शाम सात से सुबह पांच बजे तक बिजली बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। कल-कारखाने और फैक्ट्रीज़ में सिर्फ रोशनी के लिए बिजली मिल सकेगी। थ्री फेस की हैवी पावर सप्लाई नहीं ली जा सकेगी। इसके अलावा पावर कट समय के दौरान मशीनरी चलने वाली फैक्ट्री के कनेक्शन काटने की कार्यवाहियां भी की जाएंगी।
अलग-अलग कटौती के निर्देश दिए गए
लोड मैनेजमेंट को देखते हुए दो सर्किलों में अलग-अलग कटौती के निर्देश दिए गए हैं, ताकि प्रोडक्शन पर बड़ा असर नहीं आए। फूड इंडस्ट्री, ऑक्सीजन प्लांट और मिलिट्री सर्विस जैसी अति आवश्यक सेवाओं को बिजली कटौती से पूरी तरह मुक्त रखा गया है।
एक लाख 92 हज़ार 703 इंडस्ट्रियल बिजली कनेक्शन
राजस्थान में इंडस्ट्रियल कैटेगरी के एक लाख 92 हज़ार 703 बिजली कनेक्शन हैं। इसके अलावा पेयजल सप्लाई से जुड़े 63 हज़ार 840 इंडस्ट्रियल कैटेगरी के कनेक्शन हैं। पेयजल सप्लाई वाले कनेक्शंस में बिजली कटौती नहीं की जाएगी। अगस्त महीने में मानसून पीरियड के दौरान अचानक बारिश में बड़ी कमी आने और एग्रीकल्चर क्षेत्र में सिंचाई के लिए ट्यूबवेल चलाने के लिए बिजली की मांग बढ़ी है। इससे बिजली की डिमांड 16000 मेगावाट से ऊपर चली गई है। रोजाना 3278 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली की सप्लाई प्रदेश में की जा रही है। मानसून पीरियड में कई जगह किसानों के कृषि कनेक्शन वाले बिजली ट्रांसफार्मर भी खराब हो चुके हैं ।उन्हें बदलने की कोशिश की जा रही है और कृषि कनेक्शन भी दिए जा रहे हैं।
इन इलाकों में होगा पावर कट
- सोमवार और मंगलवार को खुशखेड़ा, करौली, सलारपुर, चौपांकी, कहरानी, पथरेड़, सवाई खुर्द में इंडस्ट्रीज में बिजली बंद रहेगी।
- बुधवार और गुरुवार को कोटा और भरतपुर ज़ोन, टोंक, दौसा, बहरोड़, नीमराना में उद्योगों में शाम 7 से सुबह 5 बजे तक बिजली बंद रहेगी।
- शुक्रवार और शनिवार को अलवर, राजगढ़, खैरथल, केजीबास, थानागाजी,तिजारा, भिवाड़ी इंडस्ट्रियल एरिया में बिजली बंद रहेगी।
जयपुर में विद्युत भवन में बनाया वॉर रूम
बिजली के हालातों की मॉनिटरिंग और सुचारू सप्लाई के लिए जयपुर डिस्कॉम के एचडी आर.एन. कुमावत ने विद्युत भवन में वार रूम और कंट्रोल रूम बनाया है। जहां 24 घंटे मॉनिटरिंग के लिए इंजीनियरों की टीम तैनात की गई है। तीन टीमें राउंड द क्लॉक मॉनिटरिंग का काम कर रही हैं। सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर (एसएमयू) पूरी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। जोनल और सर्किल लेवल पर भी कंट्रोल रूम वर्क कर रहे हैं। लेकिन समस्या यह है कि जले हुए ट्रांसफार्मर अब तक नहीं बदले गए हैं। इससे भी गांव में फसलों की सिंचाई नहीं हो पा रही है। फसलें सूखने के कगार पर पहुंच गई हैं। जैतपुर एईएएन अशोक मीणा का कहना है कि स्टोर से ट्रांसफार्मर नहीं मिल रहे, इसको लेकर एक्सईएन को अवगत करवा दिया गया है।
चार दिन से हड़ताल पर 3500 जेईएन
प्रदेश में पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन के बैनर चले पांचों बिजली कंपनियों के कुल 5100 में से 3500 हजार जेईएन और टेक्निकल कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं। इससे ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में बिजली सप्लाई बुरी तरह प्रभावित हुई है। 4 दिन से कार्य बहिष्कार के बावजूद बिजली कंपनी प्रबंधन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहा है, क्योंकि चुनावी साल है और मांगें भी जायज हैं। पहले भी समझौता हो चुका, लेकिन लागू नहीं हुआ। अब डिस्कॉम अधिकारियों ने 9, 18 और 27 साल की सेवा अवधि पर उनके प्रमोशन करने और पे स्केल बढ़ाने का मौखिक आश्वासन दिया है, लेकिन जेईएन आदेश लागू करने की तारीख पूछ रहे हैं, जोकि अधिकारी पता नहीं पा रहे हैं।