रांची
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड मंत्रालय में पथ निर्माण विभाग की समीक्षा की। इस दौरान अधिकारियों को सड़कों के किनारे हेलीपैड निर्माण को लेकर कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया। इसके तहत सड़कों के उन लोकेशंस को चिन्हित किया जाएगा, जो हेलीपैड निर्माण के लिए उपयुक्त होंगे। इससे दुर्घटनाओं और आपातकालीन परिस्थितियों में घायलों को तत्काल एयरलिफ्ट कराकर अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान कहा कि बेहतर सड़कों के नेटवर्क से विकास को गति मिलती है। ऐसे में अच्छी सड़कों के निर्माण पर सरकार का विशेष जोर है। उन्होंने सड़कों की गुणवत्ता को लेकर कोई शिकायत मिलने पर संबंधित इंजीनियर और ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक में विभिन्न सड़क परियोजनाओं के प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को सड़कों का निर्माण तय समय पर पूरा करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री को पथ निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार ने बताया कि राज्य में फॉरेस्ट क्लीयरेंस से संबंधित 13 सड़क परियोजनाएं हैं। इनमें पांच में वन विभाग की ओर से एनओसी मिल चुका है, जबकि आठ सड़क परियोजनाएं फॉरेस्ट क्लीयरेंस की वजह से अटकी हुई हैं। इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग और पथ निर्माण विभाग आपस में समन्वय बनाकर इसका निदान निकालें, ताकि सड़कों के निर्माण में आ रही अड़चनें दूर हो सके।
बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, अपर मुख्य सचिव एल खियांगते, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव सुनील कुमार, आईजी एवी होमकर, पीसीसीएफ संजय कुमार और पीसीसीएफ शशिकर सामंता मौजूद रहे।
15 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण होना है
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 15 हजार किलोमीटर लंबी ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया जाना है। ऐसे में इन सड़कों के निर्माण में तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण सड़कों की क्वालिटी और मजबूतीकरण से किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा। कई बार शिकायतें मिलती है कि एक तरफ सड़कें बन रहीं हैं और दूसरी तरफ से उखाड़ भी रही हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसमें जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ सरकार एक्शन लेगी। इस मौके पर अधिकारियों ने बताया कि 15 हजार किलोमीटर लंबी ग्रामीण सड़कों में छह हजार किलोमीटर सड़कों का डीपीआर तैयार हो चुका है और तीन हजार किलोमीटर सड़क निर्माण को स्वीकृति दी जा चुकी है।
सड़क निर्माण की मॉनिटरिंग करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जो भी सड़कें बना रही हैं, उसके निर्माण की मॉनिटरिंग होनी चाहिए। इस सिलसिले में एक पोर्टल पर सड़कों के निर्माण की लाइव वीडियो अपलोड की जाए। ताकि, उसकी क्वालिटी और निर्माण की गति की पल-पल जानकारी मिलती रहे।