सुपौल
सुपौल के सदर थाना क्षेत्र के स्टेट हाईवे 66 पर करिहो के जमुहा नहर के पास खेत में पलटी कार से बुधवार सुबह एक युवक का शव बरामद किया गया। शव कार की पिछली सीट पर था। मृतक की पहचान नवादा जिले के वारसलीगंज के कुटरी निवासी कुमार सतीश के पुत्र रौशन कुमार(32) के रूप में हुई। रौशन के चेहरे और शरीर पर कई जगह जख्म के निशान थे।
पटना से हुई थी गाड़ी की बुकिंग
पुलिस की सूचना पर मृतक के परिजन शाम पांच बजे सदर अस्पताल पहुंचे। मृतक के दादा उमाशंकर, चाचा कुमार समरेन्द्र और बहनोई पिंटू सिंह का आरोप है कि रौशन की कहीं और हत्या की गई और कार को यहां खाई में गिरा दिया गया ताकि यह दुर्घटना लगे। सदर एसडीपीओ कुमार इन्द्रप्रकाश ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है। मृतक ओला चालक था। गाड़ी की बुकिंग पटना से हुई थी। गाड़ी किसने बुक करायी इसका पता लगाया जा रहा है। इसके अलावा मृतक के दोस्त से पूछताछ की जा रही है। बताया कि प्रथमदृष्टया यह हत्या का मामला प्रतीत होता है। पुलिस विभिन्न बिंदुओं से इसकी जांच कर रही
पलटी कार में मिला ड्राइवर का शव
सदर थाना क्षेत्र के स्टेट हाईवे 66 पर करिहो के जमुहा नहर के पास खेत में पलटी कार पर बुधवार सुबह ग्रामीणों की नजर पड़ी तो वहां पहुंचे। कार बीआर जीरो वन पीपी 6280 की पिछली सीट पर खून से सना युवक का शव देखते ही ग्रामीणों के होश उड़ गए। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पर सदर एसडीपीओ कुमार इन्द्रप्रकाश और थानाध्यक्ष प्रभाकर भारती घटनास्थल पर पहुंचे। पहले शव को कार से बाहर निकालकर सदर अस्पाताल भेजा फिर कार को क्रेन की मदद से कार को भी निकाला गया।
3 साल से पटना में रहता था रौशन
परिजनों ने बताया कि रौशन 3 साल से पटना में रहता था। यहां पहले प्राईवेट जॉब करता था। करीब एक महीने से ओला चलाने लगा। रौशन पटना में कंकड़बाग के खेमनीचक में किराए पर मनीष के साथ रहता था। रात में फोन पर हुई थी बात। पुलिस की मानें तो रात 10 बजकर 24 मिनट पर अंतिम बार रौशन की मनीष से बातचीत हुई थी। पुलिस सूत्रों की मानें तो शहर में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला गया। इसमें कार रात करीब 10 बजे लोहिया नगर चौक होते हुए गौरवगढ़ की ओर जाते दिखा। शहर में कहीं भी कार नहीं रुकी।
दो भाई में बड़ा था रौशन, मौत के बाद घर में मातम
रौशन की मौत की खबर मिलते ही परिजनों में मातम छा गया है। उनका रो-रोकर बुरा हाल है। रौशन के चाचा ने बताया कि कुमार समरेन्द्र ने बताया कि उसका एक 10 साल का बेटा है। जबकि रौशन के पिता बीकानेर में बीएसएफ में दारोगा के पद पर कार्यरत हैं। छोटा भाई और उसकी पत्नी इंजीनियर है। देर शाम पोस्टमार्टम के बाद परिजन रौशन के शव को लेकर पैतृक गांव के लिए निकले।