जयपुर
राजस्थान हाइकोर्ट से हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर को बड़ी राहत मिली है। इसके बाद पिछले 18 दिनों से खाली चल रहे मेयर के पद को मुनेश फिर से संभालेंगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह मामला कोर्ट में पेंडिंग है। इस वजह से मैं इस पर ज्यादा कुछ नहीं कह पाऊंगी। लेकिन यह जरूर से कहना चाहती हूं, कि सुदर्शन चक्र वाले का मुझ पर आशीर्वाद है। वो जैसा चाहेंगे, वैसा ही होगा।
उन्होंने कहा कि जयपुर ने मुझे बहुत प्यार दिया है, इसलिए अब उस प्यार के कर्ज को मैं जनता की सेवा कर उतरना चाहती हूं। उन्होंने कहा- मेरे परिवार के इस बुरे वक्त भी कांग्रेस के कार्यकर्ता और पार्षद हमारे साथ खड़े थे। इससे मुझे बहुत हिम्मत और ताकत मिली है।
मुनेश गुर्जर के ससुर कैप्टन राम प्रसाद गुर्जर ने कहा कि ऊपर वाला हमेशा सही फैसला करता है। मुनेश को राहत मिलने के बाद अब तो पहले से भी ज्यादा खुशी हो रही है, क्योंकि अगर कोई इंसान समुद्र में डूब रहा होता है और वह बच जाता है। तो उसे पहले से भी ज्यादा खुशी महसूस होती है, क्योंकि उसे नया जीवन मिला होता है।
राम प्रसाद गुर्जर ने मुनेश के निलंबन पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि आज षड्यंत्र करने वालों को जवाब मिल गया है, जो भविष्य में और ज्यादा मिलेगा। क्योंकि सिर्फ इतने से जवाब से उनका काम नहीं चलेगा। हमारे शास्त्रों में भी लिखा है। जो किसी के लिए गड्ढा खोदता है, वह खुद उसमें गिरता है।
मुनेश के परिजनों ने कहा कि इतनी खुशी तो मुनेश के मेयर बनने वाले दिन भी नहीं हुई थी। कोर्ट के इस फैसले ने हमें वह खुशी दी है, जिसे शब्दों से बयां नहीं किया जा सकता है।
मुनेश के परिजनों ने कहा कि इतनी खुशी तो मुनेश के मेयर बनने वाले दिन भी नहीं हुई थी। कोर्ट के इस फैसले ने हमें वह खुशी दी है, जिसे शब्दों से बयां नहीं किया जा सकता है।
हाईकोर्ट के फैसले पर डिप्टी मेयर असलम फारूखी ने भी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अगर किसी इंसान को लगता है कि उसके साथ गलत हुआ है। तो वह कोर्ट का सहारा लेता है। इसी तरह मेयर मुनेश गुर्जर ने भी कोर्ट का सहारा लिया था। जहां कोर्ट ने भी माना उनके साथ गलत हुआ है, इसलिए अब कोर्ट ने उन्हें इंसाफ दिया है। जो न सिर्फ मुनेश गुर्जर और उनके परिवार बल्कि, निगम के पार्षदों और कांग्रेसी नेताओं के लिए खुशी किया बात है।
इस दौरान फारूखी ने एक बार DLB पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एडिशनल कमिश्नर प्रकरण में मुझे भी नोटिस दिए गए हैं, लेकिन यह डिपार्टमेंट की बड़ी चूक है। जिस प्रकरण की जांच अब तक राजस्थान पुलिस ने पूरी नहीं की है, उसमें आप कैसे किसी को दोषी ठहरा सकते हो। इसके बाद भी जो पार्टी का फैसला होगा, मुझे वो स्वीकार होगा। क्योंकि डिप्टी मेयर का पद कांग्रेस पार्टी ने मुझे दिया है। अगर पार्टी किसी और को डिप्टी मेयर बनाना चाहती है तो मैं पार्टी के फैसले का सम्मान करूंगा।