मुरादाबाद
मुरादाबाद के मझोला में नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म में पुजारी को बीस साल की सजा मिली है। दो साल पहले हुए मामले में मंगलवार को पॉक्सो कोर्ट-2 शैलेन्द्र वर्मा ने दोषी को सजा सुनाई। अदालत ने दोषी पर अलग-अलग धाराओं में 45 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
मझोला की रहने वाली नाबालिग दसवीं कक्षा की छात्रा में थी। लड़की के मामा ने 11 जनवरी, 21 को भांजी के अगवा होने की सूचना देते हुए थाने में तहरीर दी। जिसमें कहा गया कि घटना वाले दिन तीन बजे घर से टयूशन पढ़ने निकली मगर इसके बाद वापस नहीं लौटी। पुलिस को उसके हिमाचल प्रदेश में होने का पता चला। पुलिस ने आठ महीने बाद यानी 21 अगस्त को पीड़िता को बरामद कर लिया था। सुनवाई पॉक्सो कोर्ट-2 की अदालत में हुई।
विशेष लोक अभियोजक एमपी सिंह व मो. अकरम खां ने बताया कि नाबालिग का उनके घर में पूजा पाठ करने आने वाला पुजारी युवक विष्णु शर्मा ने अपहरण कर ले गया। संभल के धनारी पत्ती गांव निवासी विष्णु नाबालिग को बहला फुसलाकर ले गया। पहले उसे कहीं ओर ले गया बाद में हिमाचल प्रदेश में ले गया। उसने उसे अपनी पत्नी बनाकर रखा हुआ था। कोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान पुलिस की ओर से साक्ष्य के अलावा पीड़िता व वादी के बयान भी हुए। मंगलवार को अदालत ने पुजारी को नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म में दोषी करार देते हुए बीस साल की सजा और 45 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। मझोला में नाबालिग की बरामदगी को कलक्ट्रेट पर 49 दिनों तक धरना-प्रदर्शन भी किया गया था।