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ब्रिक्स के मंच पर गिरा था तिरंगा, PM मोदी ने उठाया, जेब में रखा

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जोहान्सबर्ग
दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग शहर में 15वें BRICS सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए हैं. सम्मेलन के पहले सेशन में प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स देशों के नेताओं को संबोधित किया और इनके सामने पांच प्रस्ताव भी रखे. इसके बाद जब ग्रुप फोटो के लिए स्टेज पर पीएम मोदी पहुंचे तो उन्होंने तिरंगे को जमीन पर रखा देखा. यहां अन्य देशों के झंडों को भी रखा गया था. इसका उद्देश्य सभी नेताओं को उनकी तय जगह बताना था. लेकिन पीएम मोदी ने तिरंगे को उठाया और अपनी जेब में रख लिया. उन्हें देख दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने भी अपने देश के झंडे को जमीन से उठा लिया.

    
पीएम मोदी ने ब्रिक्स देशों के राष्ट्राध्यक्षों को संबोधित करते हुए कहा कि जोहान्सबर्ग जैसे खूबसूरत शहर में एक बार फिर आना मेरे और मेरे डेलिगेशन के लिए अत्यंत खुशी का विषय है. इस शहर का भारत के लोगों और भारत के इतिहास से पुराना गहरा संबंध है. यहां से कुछ दूर ही टॉलस्टॉय फार्म है, जिसका निर्माण महात्मा गांधी ने 110 वर्ष पहले किया था. भारत यूरेशिया और अफ्रीका के महान विचारों को जोड़कर महात्मा गांधी ने हमारी एकता और आपसी सौहार्द की मजबूत नींव रखी थी.

'दो दशकों में ब्रिक्स ने शानदार यात्रा तय की'

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले लगभग दो दशकों में ब्रिक्स ने एक बहुत ही लंबी और शानदार यात्रा तय की है. इस यात्रा में हमने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं. हमारा न्यू डेवलमेंट बैंक ग्लोबल साउथ के देशों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. ब्रिक्स देशों के आम नागरिकों के जीवन में हम सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं. ब्रिक्स एजेंडा को नई दिशा देने के लिए भारत ने रेलवे रिसर्च नेटवर्क, एमएसएमई के बीच करीबी सहयोग, ऑनलाइन ब्रिक्स डेटाबेस, स्टार्टअप फोरम जैसे विचार रखे थे. उम्मीद है इन विषयों पर उल्लेखनीय प्रगति हुई है.

पीएम मोदी ने दिए पांच सुझाव

उन्होंने कहा कि हमारे करीबी सहयोग और व्यापक बनाने के लिए मैं कुछ सुझाव आपके सामने रखना चाहूंगा. पहले है- स्पेस के क्षेत्र में सहयोग. हम ब्रिक्स सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन पर पहले से काम कर रहे हैं. एक कदम आगे बढ़ाते हुए हम ब्रिक्स स्पेस एक्सप्लोरेशन कंसोडियम बनाने पर विचार कर सकते हैं. इसके अंतर्गत हम स्पेस रिसर्च, वेदर मॉनिटरिंग, ग्लोबल गुड के लिए काम कर सकते हैं. मेरा दूसरा सुझाव है शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और टेक्नोलॉजी में सहयोग. ब्रिक्स को एक फ्यूचर रेडी ऑर्गनाइजेशन बनाने के लिए हमें अपनी सोसायटी को फ्यूचर रेडी बनाना होगा. इसमें टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका रहेगी. भारत में हमने दूर से दूर तथा ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने के लिए DIKSHA यानी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग प्लेटफॉर्म बनाया है. साथ ही स्कूल के विद्यार्थियों के बीच इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए हमने देशभर में 10 हजार अटल टिंकरिंग लैब्स बनाए हैं. भाषा संबंधी बाधाओं को हटाने के लिए भारत में AI बेस्ड लैंग्वेज प्रोग्राम का इस्तेमाल किया जा रहा है.

बिग कैट्स को लेकर भी दिया सुझाव

पीएम मोदी ने कहा कि मेरा तीसरा सुझाव है कि एक दूसरे की ताकतों की पहचान करने के लिए हम मिलकर स्किल मैपिंग कर सकते हैं. इसके माध्यम से हम विकास यात्रा में एक दूसरे के पूरक बन सकते हैं. मेरा चौथा सुझाव है बिग कैट्स के संबंध में. ब्रिक्स के पांचों देशों में बड़ी संख्या में विभिन्न प्रजातियों के बिग कैट्स पाए जाते हैं. इंटरनेशन बिग कैट एलायंस के अंतर्गत हम इनके संरक्षण के लिए साझा प्रयास कर सकते हैं. मेरा पांचवा सुझाव है ट्रेडिशनल मेडिसिन को लेकर. हम सभी देशों में ट्रेडिशनल मेडिसिन का इकोसिस्टम है. क्या हम मिलकर ट्रेडिशनल मेडिसिन की रिपोजिट्री बना सकते हैं? दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में ग्लोबल साउथ के देशों को ब्रिक्स में एक महत्व विशेष दिया गया है. हम इसका स्वागत करते हैं. यह वर्तमान समय की जरूरत भी है. भारत ने अपनी जी20 अध्यक्षता में इस विषय को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है.