लखनऊ
वाहन ड्राइविंग लाइसेंस के ऑटोमैटिक ट्रैक पर पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक सफल हो रही हैं। अब विदेश में ड्राइविंग करने के लिए परमिट लेने में भी महिलाओं में उत्सुकता बढ़ी है। बीते छह महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो ऐसी महिलाओं की संख्या पांच गुना बढ़ी है। जनवरी-2023 तक विदेशों में ड्राइविंग परमिट के लिए हर महीने सात-आठ आवेदन आते थे पर फरवरी से अब तक हर महीने 35-40 आवेदन आ रहे हैं।
परिवहन अफसर महिलाओं के विदेशों में ड्राइविंग के बढ़ते क्रेज को लेकर अचरज में हैं। अफसरों ने बताया कि विदेशों में ड्राइविंग परमिट के आवेदन करने वालों में 80 फीसदी महिलाओं के पास एलएमवी लाइसेंस होता है, जबकि 20 फीसदी के पास दोपहिया का। जिस श्रेणी का इंडिया में लाइसेंस बना है, उसी श्रेणी के वाहन चलाने का विदेशों में परमिट दिया जाता है।
ये चीजें अनिवार्य
● स्थायी इंडियन ड्राइविंग लाइसेंस और वैध
● एक हजार रुपये शुल्क जमा करने के साथ आवेदन
● पासपोर्ट, वीजा भी अनिवार्य। लाइसेंस परमिट के बाद तक ये चीजें वैध हो।
● आवेदन दस्तावेजों की जांच के बाद जारी होता है विदेशों में ड्राइविंग का परमिट।
एक साल का होता है परमिट
आरआई अजीत कुमार ने बताया कि महिला या पुरुष जो भी विदेशों में ड्राइविंग का परमिट लेता है, उसे एक साल ही परमिट दिया जाता है। एक साल बाद फिर नए सिरे फार्मेल्टी पूरी करने पर दोबारा भी एक ही साल का परमिट जारी होता है।
जिले में लाइसेंसधारियों का ब्योरा
● कुल लाइसेंसधारी लगभग 26 लाख
● एलएमवी के कुल डीएलधारी 19 लाख
● विदेशों में परमिट के आवेदन हर माह 190-200
● महिलाओं के आवेदन हर महीने 35-40
रोज एक से दो आवेदन
हाल के महीनों में अब रोजाना एक-दो महिलाएं विदेशों में ड्राइविंग परमिट लेने का आवेदन कर रही हैं। इसमें हर देश के लिए वाहन परमिट के आवेदन होते हैं।