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ब्लैकमेलिंग, हनी ट्रैप BJP नेता सना खान के हत्याकांड की दर्दनाक कहानी …

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जबलपुर
जबलपुर से लेकर रायपुर और संबलपुर से लेकर हीरापुर तक बहनेवाली हिरन नदी में बीजेपी नेता सना खान की लाश को तलाश किया जा रहा है. पुलिस और एसडीआरएफ की अलग-अलग टीमें कहीं पानी में गोते लगा रही हैं, तो कहीं जंगलों और झाड़ियों की खाक छान रही हैं. लेकिन सना की लाश नहीं मिल रही है.

कहां है सना खान की लाश?
सना का कत्ल हुए करीब 21 दिनों का वक्त गुजर चुका है और इस सिलसिले में रिपोर्ट लिखवाए हुए करीब 19 दिन गुजर चुके हैं, जबकि पुलिस को इस मामले में मुख्य आरोपी अमित साहू उर्फ पप्पू साहू को गिरफ्तार किए करीब 11 दिनों का वक्त हो चुका है, लेकिन मुल्जिम की गिरफ्तारी और उसकी निशानदेही के बावजूद सना की लाश का कोई ठिकाना नहीं है.

कत्ल के पीछे हनी ट्रैप और साजिश
अलबत्ता उसके कत्ल को लेकर अब एक नई और चौंकानेवाली कहानी जरूर सामने आ गई है और ये कहानी है हनी ट्रैप में सना खान के इस्तेमाल की. और इसी हनी ट्रैप के रुपयों के बंदरबांट के सिलसिले में हुए उसके कत्ल की. लेकिन इससे पहले कि हनी ट्रैप के जरिए लाखों रुपये की वसूली के इस खेल और इसी खेल में गई सना की जान. अब आपको इस केस की पूरी कहानी तफ्सील से बताते हैं.

सना की मां ने पुलिस को दी नई तहरीर
असल में नागपुर में सना खान की मां मेहरुन्निसा ने इस सिलसिले में पुलिस को एक नई शिकायत दी है, जिसमें उन्होंने बताया है कि किस तरह जबलपुर का रहनेवाला कारोबारी अमित साहू उनकी बेटी को हनी ट्रैप के खेल में चारे की तरह इस्तेमाल कर रहा था. पुलिस का कहना है कि जब उसने इस पहलू की जांच की, तो उसे हनी ट्रैप के इस रैकेट को लेकर कई चौंकानेवाली जानकारी हाथ लगी. पुलिस को पता चला कि साहू के इशारे पर सना कर नागपुर, जबलपुर और सिउनी समेत आस-पास के इलाके में बड़े और प्रभावशाली लोगों के पास जाया करती थी. जहां इन अमीर और प्रभावशाली लोगों से रिश्ते बनाने के दौरान सना और साहू उन अंतरंग पलों की तस्वीरें चुपके से अपने मोबाइल फोन और दूसरे डिवाइसेज में कैद कर लिया करते थे, जिसके बाद इन लोगों को ऐसी तस्वीरों और वीडियोज के सहारे ब्लैकमेल किया जाता था. 

अमित साहू निकला हनी ट्रैप का मास्टरमाइंड
पुलिस की मानें तो शुरुआती पूछताछ में अमित साहू ने हनी ट्रैप रैकेट चलाने और इसमें सना खान का इस्तेमाल एक मोहरे की तरह करने की बात कबूल कर ली है, लेकिन अब तक ना तो पुलिस सना खान के मोबाइल फोन बरामद कर पाई है और ना ही उसे अमित साहू ने ही अपने फोन सौंपे हैं. ऐसे में पुलिस को अब भी हनी ट्रैप रैकेट और उसके चलते हुए मर्डर की इस वारदात से जुडे कई सबूतों का इंतजार है. पुलिस की मानें तो साहू सना खान के मोबाइल फोन उसकी लाश के साथ नदी में फेंकने की बात कह रहा है, जबकि अपने मोबाइल फोन को लेकर भी झूठ बोल रहा है. लेकिन उसे यकीन है कि वो जल्द ही ये फोन बरामद कर लेगी और इसी के साथ उसे हनी ट्रैप रैकेट से जुडे कई सबूत भी मिल जाएंगे.

अमित साहू के दो साथी गिरफ्तार
पुलिस को इस सिलसिले में कुछ वीडियोज, फोटोज और चैट हाथ लगने की उम्मीद है, जिससे ये पता चल सकेगा कि इस रैकेट ने हाल के दिनों में किन-किन लोगों को अपने जाल में फंसाया था और रैकेट में अमित साहू, सना खान और उनके बाकी साथियों की क्या भूमिका थी? पुलिस ने फिलहाल इस सिलसिले में साहू के साथ-साथ उसके दो साथियों रमेश सिंह और धर्मेंद्र यादव को भी गिरफ्तार किया है, जिन्होंने सना की हत्या करने के बाद उसकी लाश को ठिकाने लगाने में अमित साहू की मदद की थी. इसके अलावा दोनों के हनी ट्रैप रैकेट में शामिल बाकी लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाने की शुरुआत कर चुकी है.

 

कई राज्यों तक फैला है अमित साहू का हनी ट्रैप रैकेट
पुलिस को शक है कि इस रैकेट के लोग महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश तक में लोगों को अपना शिकार बना रहे थे. और इस रैकेट ने जिस तेजी से इतने बडे इलाके में अपना जाल बट्टा फैला लिया था, उसे देख कर लगता है कि अब तक हनी ट्रैप के जरिए की गई वसूली की रकम करोड़ों रुपये तक पहुंच गई होगी. इस रैकेट की शुरुआत तब हुई, जब सोशल मीडिया पर सना खान और अमित साहू के बीच मुलाकात हुई और फिर ये मुलाकात दोस्ती और फिर शादी में बदली. सना खान और अमित साहू ने इसी साल 24 अप्रैल को शादी की थी. पुलिस की मानें तो दोनों ये काम उससे पहले यानी मार्च के महीने से ही शुरू कर चुके थे, लेकिन शादी के बाद दोनों नए-नए और ज्यादा से ज्यादा लोगों को टार्गेट करने लगे थे.

शादी के बाद सना पर शक करता था अमित
हालांकि अजीब बात ये है कि इतना सबकुछ होने के बाद अमित साहू को सना खान के चरित्र पर शक था और इस बात को लेकर उसकी कई बार सना से लड़ाई भी हुई थी. जांच में ये भी सामने आया है कि सना ने साहू को कारोबार के लिए लाखों रुपये भी दे रखे थे, लेकिन साहू ना तो वो रुपये वापस लौटा रहा था और ना ही अपने कारोबार के बारे में उसे कोई जानकारी ही दी दे रहा था. ऐसे में दोनों रुपये-पैसों को लेकर भी आपस में लड़ रहे थे. पुलिस को पता चला है कि अमित साहू ने जबलपुर शहर के पॉश इलाके राजुल टाउनशिप में खास तौर पर इन्हीं साजिशों के लिए एक मकान किराये पर ले रखा था. और यहीं से अपने काले कारोबार चलाया करता था. पहली अगस्त को जबलपुर के इसी मकान में सना खान के साथ हुई तीखी नोंक-झोंक के बाद अमित साहू ने सना के सिर पर भारी चीज से वार कर उसकी जान ले ली थी. 

नई तहरीर के आधार पर नया मुकदमा दर्ज
पुलिस ने फिलहाल अमित साहू और उसके साथियों के खिलाफ कत्ल का मुकदमा तो दर्ज किया ही है, सना खान की मां मेहरुन्निसा की शिकायत के बाद साहू और उसके साथियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 384, 386 और 389 के तहत जबरन वसूली, 354 (डी) यानी महिला का पीछा करना, 120 (बी) आपराधिक साजिश रचना और 34 यानी किसी जुर्म के लिए एक राय होना कर जुर्म करने के इल्जाम में भी रिपोर्ट लिखी है. 

 

हनी ट्रैप के लिए शिकार का चुनाव करता था अमित साहू 
पुलिस की छानबीन में साफ हुआ है कि हनी ट्रैप में फंसाने के लिए शिकार की तलाश और उनका चुनाव अमित साहू किया करता था और फिर उसके इशारे पर पहले सना खान उन लोगों के साथ दोस्ती करती, उन्हें मीठी-मीठी बातों में फंसाती और फिर उनका वीडियो शूट करने के लिए उन्हें अपने खुफिया ठिकाने तक ले कर आती और फिर दोनों मिल कर चुपके से उनके वीडियो और तस्वीरें निकाल लेते थे. पुलिस को पता चला है कि सना खान अपने साथ तीन मोबाइल फोन तो रखती ही थी, उसके पास कम से कम दस सिम कार्ड भी थे, जिनका इस्तेमाल वो इन्हीं कामों के लिए किया करती थी. 

प्रभावशाली और सफेदपोशों के बीच हड़कंप
जाहिर है अब सना खान के कत्ल और हनी ट्रैप की इस कहानी के सामने आने के बाद एमपी, यूपी और महाराष्ट्र में कई प्रभावशाली लोगों और सफेदपोशों के बीच भी हड़कंप मच गया है. हालांकि सना की मां ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया है कि अमित साहू इस रैकेट में उनकी बेटी का इस्तेमाल कर रहा था.

जबलपुर में ही था कातिल
अमित साहू और सना खान में पुरानी दोस्ती थी. दोनों शादी भी कर चुके थे, लेकिन दोनों के बीच अक्सर विवाद भी होता रहता था. वो 1 अगस्त को नागपुर से जबलपुर के लिए रवाना हुई थी. इसके बाद 1 और 2 अगस्त की दरम्यानी रात को दोनों के बीच फिर से विवाद हुआ, जिसके बाद कथित तौर पर अमित ने सना की जान ले ली थी. जबलपुर पहुंचने के बाद जब सना के तीनों मोबाइल फोन रहस्यमयी तरीके से स्विच्ड ऑफ हो गए, तो घरवालों ने पहले नागपुर में सना की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई और फिर मामले की तफ्तीश के लिए जबलपुर पुलिस के पास पहुंचे. पहले तो जबलपुर पुलिस ने इसे हल्के में लिया, लेकिन बाद में ये साफ हो गया कि सना खान का कत्ल हो चुका है और कातिल जबलपुर में ही है.