नईदिल्ली
जी-20 सम्मेलन (G20 Summit In Delhi) को लेकर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) दिल्ली में 76 हजार गमले वाले पौधे लगा रहा है। इनमें से 35 हजार गमले प्रगति मैदान के आसपास, 25 हजार गमले राजघाट और इसके आसपास के इलाकों में लगाए जा रहे हैं।
कुल कितने पौधे लगाए जाएंगे?
विभाग तीन लाख 30 हजार पौधे लगाने की योजना पर काम कर रहा है। इसमें 2.54 लाख पौधे व झाड़ियां और 76 हजार गमले वाले पौधे शामिल हैं। जी-20 के चलते गमले लगाने का काम शिखर सम्मेलन के आयोजन से दो दिन पहले तक चलेगा।
पीडब्ल्यूडी का कहना है कि जमीन में पौधे व झाड़ियां लगाने का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। 70 प्रतिशत तक काम पूरा हो चुका है। हरियाली बढ़ाने के लिए कई तरह की झाड़ियां, बोगनबेलिया, कनेर, क्लीएंड्रा और विभिन्न प्रकार के पौधे लगाने जा रहे हैं।
जी-20 को लेकर दिल्ली सरकार ने गत मार्च में राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों और फ्लाईओवरों पर विभिन्न किस्म की झाड़ियों, लताओं और पौधों की मदद से हरियाली बढ़ाने का फैसला किया था।
चिन्हित सड़कों और फ्लाईओवरों के मध्य व किनारे और दीवारों पर हरियाली विकसित करने की बात कही गई थी। उसी समय पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने इस योजना पर कमर कसने को कहा था।
टेंडर प्रक्रिया आदि का काम समय से पूरा करने को कहा गया था। योजना के तहत सड़कों और फ्लाईओवरों पर गत 20 जून से लेकर सितंबर में आयोजन से दो दिन पहले तक पौधे व झाड़ियां लगाई जा रही हैं।
इन इलाकों में सड़कों पर बढ़ाई जा रही हरियाली
विभाग इनकी लगातार निगरानी भी कर रहा है। जिन सड़कों पर हरियाली बढ़ाई जा रही है, उनमें प्रमुख रूप से प्रगति मैदान और राजघाट का इलाका शामिल है। इसके अलावा दिल्ली में ऐसे कई फ्लाईओवर और सड़कें हैं, जहां हरियाली कम है, जिसके चलते धूल प्रदूषण होता है।
विभाग ने वहां हरियाली बढ़ाने और इन सड़कों के सुंदरीकरण के लिए ऐसे हिस्सों की पहचान की है। इसके अलावा बहादुर शाह जफर मार्ग, विकास मार्ग भी इसी योजना में शामिल है।
चिराग दिल्ली फ्लाईओवर, आइआइटी फ्लाईओवर आदि शामिल हैं। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लेकर राजघाट तक भी रोड पर गमले लगाकर भी हरियाली बढ़ाई जा रही है। इस व्यापक मुहिम के तहत सड़कों और फ्लाईओवरों के लिए पौधों व झाड़ियों का उपयोग किया जा रहा है।
सड़कों पर धूल उड़ने से रोकने के लिए सूखी और खाली जगह नहीं छोड़ी जा रही है। इसके लिए विभाग ने कुछ समय पहले सर्वे कराया था कि अभी कौन से ऐसे स्थान हैं, जहां हरियाली विकसित की जा सकती है।
इसके लिए सड़कों के किनारे खाली स्थान ढूंढे गए थे। फ्लाइओवरों व सड़कों के सेंट्रल वर्ज पर भी स्थान चिन्हित किए गए थे, जहां पर हरियाली कम है। फ्लाईओवरों के नीचे भी हरियाली बढ़ाकर सड़क के फुटपाथों को भी अतिक्रमण मुक्त बनाया गया है।