जयपुर
राजस्थान उच्च न्यायालय सहित सभी अधीनस्थ न्यायालयों की बार एसोसिएशन को जल्द ही भंग किया जा सकता है. राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर पीठ में सोमवार को बार एसोसिएशन के चुनावों के मामले पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ए जी मसीह और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने राजस्थान की सभी बार एसोसिएशन को भंग कर नए सिरे से चुनाव करने की बात कही है. अधिवक्ता अभिनव शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है समस्त बार एसोसिएशन के चुनाव एक ही तिथि को सम्पन्न कराए जाने चाहिए हैं. इसके साथ ही एक अधिवक्ता को एक ही बार एसोसिएशन के चुनाव में भाग लेने के लिए अधिकृत किया जाना चाहिए.
खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए बार कांउसिल से कहा है की इस वर्ष के अंत तक सभी बार एसोसिएशन को भंग किया जाए. हाईकोर्ट खंडपीठ ने बार काउंसिल से कहा कि वर्ष में एक ही तिथि को चुनाव करवाने, वन बार, वन वोट के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी किए गए आदेशों की पालना करने के लिए सभी बार काउंसिल पदाधिकारी और अधिवक्ताओं साथ बैठकर विचार विमर्श करे. हाईकोर्ट ने बार एसोसिएशन को भंग कर नए सिरे से चुनाव कराने पर भी संगठनों और अधिवक्ताओं से वार्ता करने के लिए कहा है.
हाईकोर्ट सभी बार एसोसिएशन को भंग करने के जारी करेगा आदेश!
हाईकोर्ट खंडपीठ ने साफ शब्दों में कहा कि यदि बार काउंसिल बार एसोसिएशन को भंग करने का निर्णय नहीं ले पाती है तो हाईकोर्ट सभी बार एसोसिएशन को भंग करने के आदेश जारी करेगा. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बार कांउसिल के अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा है कि सभी बार एसोसिएशन विधि के अनुसार बनी हैं. बार काउंसिल ने उनके गठन से लेकर उनको भंग करने के नियम बना रखे हैं. बार कांउसिल द्वारा यदि इस तरह से एकतरफा निर्णय लिया जाएगा तो मामला फिर अदालत में जाएगा.
आदेश सभी बार एसोसिएशन और बार कांउसिल के लिए मान्य होगा
वहीं हाईकोर्ट के पास विशेषाधिकार होने के कारण सभी बार एसोसिएशन को भंग करने के पावर हैं. हाईकोर्ट का आदेश को सभी बार एसोसिएशन और बार कांउसिल के लिए मान्य रहेगा. बार काउंसिल द्वारा हाईकोर्ट के निर्देशानुसार सभी अधिवक्ताओं और बार एसोसिएशन पदाधिकारियों के साथ उन्हें भंग कर नए सिरे से एक तिथि को चुनाव करने के मामले पर विचार विमर्श कर हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया जाएगा.
यह है पूरा मामला
गौरतलब है की जयपुर की द बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं के चुनावों में मतदान अधिकार को लेकर याचिका लगी थी. इस याचिका में कहा गया था की राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर पीठ में नियमित रूप से प्रेक्टिस करने वाले दो हजार से ज्यादा अधिवक्ता हैं. लेकिन हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के चुनावों में हाईकोर्ट के दो हजार अधिवक्ताओं के साथ साथ द बार एसोसिएशन के करीब चार हजार अधिवक्ता मतदान करते है. इससे हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के चुनावों के परिणाम प्रभावित होते हैं.