जयपुर
प्रदेश में मानसून में हांफ रहा बिजली तंत्र सोमवार को फेल हो गया। जयपुर के हीरापुरा पावर हाउस का 400 केवी सब स्टेशन ठप होने से सोमवार को राजधानी जयपुर के करीब आधे हिस्से में बिजली सप्लाई ठप हो गई। विधानसभा, सचिवालय से लेकर टोंक रोड तक का बड़ा इलाका प्रभावित रहा। सीकर, झुंझुनूं का बड़ा हिस्सा भी प्रभावित रहा। इस स्थिति से इंजीनियरों से लेकर बड़े अफसरों के हाथ-पैर फूल गए। उच्च स्तर से लोगों के फोन घनघनाना शुरू हो गए। कई इलाकों में तो करीब आधा घंटा तक ब्लैक आउट रहा और फिर दूसरे स्रोत से अलग-अलग इलाकों में बिजली सप्लाई शुरू करना शुरू किया गया। बताया जा रहा है कि इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी रिपोर्ट मांगी है।
ये इलाके रहे प्रभावित
सीतापुरा, मानसरोवर, प्रताप नगर, सोढाला, रामबाग, तिलक नगर, राजापार्क, इमली फाटक, बरकत नगर, बापू नगर, गोपालपुरा बायपास ट्रांसफार्मर ट्रिप होने से लेकर रामबाग तक, सांगानेर, टोंक रोड का बड़ा इलाका।
देने की बजाय लेने लगा सप्लाई, फिर ट्रिपिंग ….
प्रदेश में बड़े सब स्टेशन का सर्किट बना हुआ है, जो एक- दूसरे से बिजली सप्लाई लेते रहते हैं। झुंझुनूं के बबई में 400 केवी सब स्टेशन ओवरलोड हो गया और उसने जयपुर के हीरापुरा पावर हाउस के 400 केवी सब स्टेशन से बिजली सप्लाई लेनी शुरू कर दी। पहले से ओवरलोड चल रहा सब स्टेशन ट्रिप हो गया। बिजली सप्लाई देने की बजाय बबई सब स्टेशन सप्लाई लेने लग गया, • जिससे ये हालात बने। हालांकि, इससे राज्य विद्युत प्रसारण निगम की मॉनिटरिंग पर सवाल खड़े हो गए हैं।
प्रभावित मुआवजे के हकदार…..
डिस्कॉम स्तर पर गलती होने पर प्रभावित लोग मुआवजे के हकदार हैं। इसके लिए डिस्कॉम ने एसओपी (स्टेंडर्ड ऑफ परफोर्मेंस जारी की हुई है। इसमें मुआवजे के मापदण्ड तय कर रखे हैं। प्रभावितों को सहायक अभियंता कार्यालय में मुआवजे के लिए दावा करना होगा। हालांकि, तकनीकी फॉल्ट मामले में सीधे तौर पर मुआवजा नहीं मिलता लेकिन इसमें समय सीमा निर्धारित है।
बिजली डिमांड बढ़ने से बनी स्थिति
बबई सब स्टेशन के ओवरलोड होने का भार हीरापुरा पावर हाउस पर आ गया। इससे ट्रिपिंग हुई। शहर में 10-15 मिनट बाद ही सप्लाई शुरू कर दी थी। बिजली डिमांड बढ़ने से यह स्थिति बनी। सुरेश मीणा, मुख्य अभियंता, राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम