बेतला
बेतला नेशनल पार्क क्षेत्र के कंपार्टमेंट में खुखड़ी चुनने के लिए गयी एक महिला को हाथी ने मार डाला. महिला की पहचान गाड़ी गांव की रहने वाली 42 वर्षीय मनोरमा मसोमात के रूप में की गई. हाथी के हमले से घटनास्थल पर ही मनोरमा की मौत हो गई, जबकि उसके साथ गए अन्य लोगों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई और ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी. जिसके बाद गांववालों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी.
साढ़े तीन घंटे बाद मिला शव
जानकारी मिलने पर डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश कांत जेना और रेंजर शंकर पासवान के निर्देश पर प्रभारी वनपाल संतोष कुमार सिंह अन्य वनकर्मियों के साथ जंगल में पहुंचे और शव की खोजबीन शुरू कर दी. करीब 3:30 घंटे तक खोजबीन करने के बाद शव को जंगल में अर्धनग्न पाया गया. इसके बाद वहां मौजूद महिला वनकर्मियों ने शव कपड़े में लपेटा, फिर परिजनों ने शव की पहचान की. इसके बाद वन विभाग के पदाधिकारियों ने परिजनों को प्रावधान के तहत मुआवजा देने का आश्वासन दिया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए ले जाने लगे. इधर इस घटना की सूचना बरवाडीह पूर्वी के जिला परिषद सदस्य कन्हाई सिंह और अन्य ग्रामीणों तक पहुंची. शव ले जाने की खबर सुनते ही वे बेतला-गारू मार्ग आए और मड हाउस के पास बक्शा मोड़ पर जाम कर दिया.
विरोध के बाद तत्काल दी गई 50 हजार रुपये की सहायता राशि
जामस्थल पर उन्होंने वन विभाग के खिलाफ नारे लगाये और वरीय पदाधिकारी को घटनास्थल पर बुलाने की मांग की करते रहे. हालांकि, वहां मौजूद प्रभारी वनपाल संतोष कुमार सिंह के द्वारा प्रावधान के तहत मुआवजा देने की बात कही गयी, लेकिन उनकी बातों को जामकर्ताओं ने दरकिनार कर दिया. जाम की सूचना पर बरवाडीह बीडीओ राकेश सहाय, रेंजर शंकर पासवान के अलावा बरवाडीह पुलिस व छिपादोहर पुलिस बल भी मौके पर पहुंची और जामकर्ताओं को समझा-बुझाकर जाम हटाने की अपील की. नियम के तहत मुआवजा देने का आश्वासन भी किया. काफी समझाने केे बाद भी जब लोग नहीं समझ रहे थे तो वहीं आश्रितों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई. इसके बाद ग्रामीणों ने जाम हटा लिया.