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नई CWC पर मल्लिकार्जुन खड़गे की दिखी छाप, अनुभव के साथ जोश का तालमेल; चुनावी राज्यों का भी ख्याल

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नई दिल्ली
कई दौर की मुलाकात और लंबी चर्चा के बाद आखिरकार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नई कांग्रेस कार्यसमिति का गठन कर दिया। नई सीडब्ल्यूसी के गठन पर पार्टी अध्यक्ष की छाप साफ नजर आती है। उन्होंने वरिष्ठ नेताओं के अनुभव के साथ युवाओं के जोश को शामिल करने का प्रयास किया। सामाजिक तालमेल बनाते हुए नई टीम में कई नए लोगों को मौका दिया गया है। कांग्रेस कार्यसमिति में पार्टी अध्यक्ष ने सभी को साथ लेकर चलने की कोशिश की है। कुछ नेताओं को छोड़कर उन्होंने पुरानी सीडब्ल्यूसी के लगभग सभी सदस्यों को नई समिति में जगह दी है। सीडब्ल्यूसी के सदस्यों की संख्या 23 से बढ़कर 35 होने का भी खड़गे को पूरा लाभ मिला। इसलिए, वह रायपुर महाधिवेशन में लिए गए 50 फीसदी आरक्षण के फैसले को लागू कर पाए।

सभी राज्यों को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीडब्ल्यूसी में सभी राज्यों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है। इसके साथ ही चुनावी राज्यों का खास ध्यान रखा गया है। राजस्थान से सचिन पायलट, भंवर जितेंद्र सिंह, महेंद्रजीत सिंह मालवीय और हरीश चौधरी सहित पांच नेताओं को शामिल किया गया है। मालवीय आदिवासी पट्टी से आते हैं और मानगढ़ धाम रैली की सफलता में उनकी भूमिका अहम थी।

सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश
छत्तीसगढ़ से ताम्रध्वज साहू और सांसद फूलो देवी नेताम को शामिल किया गया है। टीएस सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाने के बाद साहू को सीडब्ल्यूसी में शामिल कर पार्टी ने उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया है। वहीं, प्रदेश विधानसभा चुनाव में ओबीसी और आदिवासी समाज की भूमिका काफी अहम है। मध्य प्रदेश में भी कमलेश्वर पटेल और मीनाक्षी नटराजन सहित कई नेताओं के जरिए पार्टी ने सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश की है।

लोकसभा चुनाव के लिए अपनी टीम के संकेत दिए
कांग्रेस रणनीतिकार मानते हैं कि सीडब्ल्यूसी के गठन के साथ पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपनी टीम के भी संकेत दे दिए हैं। खड़गे जल्द अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) में बदलाव करेंगे। इसमें लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए वरिष्ठ नेताओं को राज्यों की जिम्मेदारी दी जाएगी। हालांकि, पार्टी अध्यक्ष आहिस्ता-आहिस्ता बदलाव कर रहे हैं। उन्होंने कई प्रदेशों में अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी बदले हैं।

50 वर्ष से कम उम्र के नेताओं को जगह देने की पूरी कोशिश
सीडब्ल्यूसी में खड़गे ने 50 वर्ष से कम उम्र के नेताओं को जगह देने की पूरी कोशिश की है। इन नेताओं में सचिन पायलट, गौरव गोगोई, सुप्रिया श्रीनेत, दीपेंद्र हुड्डा, मणिकम टैगोर, मीनाक्षी नटराजन, परनीति शिंदे, कन्हैया कुमार, सचिन राव, अलका लांबा, वामसी रेड्डी और कमलेश्वर पटेल शामिल हैं। इसके साथ एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों को भी पहले के मुकाबले ज्यादा हिस्सेदारी दी गई है। पार्टी के एक नेता के मुताबिक, नई एआईसीसी में गठन में 50 वर्ष से कम आयु के नेताओं को हिस्सेदारी दी गई है।