नई दिल्ली
ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म अनएकेडमी (Unacademy) ने अपने एक टीचर को बच्चों को दिए एक बयान देने के कारण नौकरी से निकाल दिया। दरअसल शिक्षक ने एक क्लास के दौरान छात्रों से अपील की थी कि वे हमेशा पढ़े-लिखे नेता उम्मीदवारों को ही वोट दें न कि ऐसे लोगों को जो केवल नाम लिखना जानते हैं। उनके इस बयान पर अनएकेडमी द्वारा बर्खास्तगी के बाद जमकर हंगामा हुआ।
लोगों ने इस बात का विरोध जताते हुए अनएकेडमी ऐप को अनइंस्टाल करने कि मुहिम की शुरूआत की। जिसके चलते अनएकेडमी के सह-संस्थापक रोमन सैनी ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि शिक्षक 'कोड ऑफ कंडक्ट' का उल्लंघन कर रहे थे और इसी कारण से कंपनी ने उन्हें बरख़ास्त किया।
रोमन सैनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' से लोगों को सूचना दी कि 'Unacademy' एक शिक्षा देने का मंच है और यहां केवल शिक्षा मुहैया काराई जाती है। उन्होंने आगे बताया कि कंपनी में सभी शिक्षकों को कुछ सख्त आदेशों का पालन करने को कहा गया है। जिसके चलते एक आचार संहिता शिक्षकों को दी गई है।
आप को बता दें कि अनएकेडमी जो कुछ भी करती हैं उसके केंद्र वहां के शिक्षार्थी होते हैं। सैनी ने यह भी कहा कि क्लास अपनी व्यक्तिगत राय और विचार साझा करने के लिए नहीं है बलकी छात्रों को पढ़ाने के लिए है,अपनी व्यक्तिगत राय बताने से छात्रों पर बुरा असर पड़ सकता है क्योंकि छात्रों का मन चंचल होता है।
देश में इस मामले को राजनीती से जोड़ा जा रहा है करण शिक्षक ने जानकारी देते हुए बताया कि 19 अगस्त को छात्रों से इस विषय पर खुल कर बात करेंगे कि क्यों उन्हें अनएकेडमी से इस्तीफा देना पड़ा और उनके साथ इस विवाद की शुरुआत कैसे हुई। गौरतलब है कि विपक्ष इस मामले पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल खड़े करने में जुटा है।