नई दिल्ली
टमाटर की कीमतें बाजार में थोड़ी कम होने जरूर लगी हैं। टमाटर अभी भी 100 रुपये प्रति किलो के आस-पास बिक रहा है। इस बीच प्याज ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। प्याज की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। लेकिन टमाटर की तरह प्याज की कीमतें न बढ़ें। इसके लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने का निर्णय किया है। सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाने और घरेलू बाजार में आपूर्ति में सुधार के लिए शनिवार को प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाया। वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया है।
दरअसल, पिछले हफ्ते ही सरकार ने अक्टूबर में नई फसल के आने तक कीमतों को नियंत्रण में रखने के उद्देश्य से विशिष्ट क्षेत्रों में अपने बफर स्टॉक से प्याज बाजार में उतारने की घोषणा की थी। सरकार प्याज के वितरण के लिए अलग-अलग माध्यम खोज कर रही है, जिसमें ई-नीलामी, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और उपभोक्ता सहकारी समितियों और निगमों द्वारा संचालित अपने खुदरा दुकानों के माध्यम से छूट की पेशकश करने के लिए राज्य अधिकारियों के साथ साझेदारी शामिल है।
प्याज की कीमत में बढ़ोतरी दिखनी शुरू!
वर्तमान में, सरकार ने कम आपूर्ति की अवधि के दौरान कीमतों में किसी भी अप्रत्याशित उछाल से निपटने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के भीतर 3 लाख टन प्याज का स्टॉक किया हुआ है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, प्याज की कीमत में थोड़ी बढ़ोतरी दिखनी शुरू हो गई है। 10 अगस्त तक, प्याज की अखिल भारतीय खुदरा कीमत 27।90 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 2 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक की वृद्धि दर्शाती है।
घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगाया निर्यात शुल्क
बता दें कि निर्यात शुल्क यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है कि सामान का एक निश्चित हिस्सा घरेलू बाजार में उपलब्ध रहे। अत्यधिक निर्यात को हतोत्साहित करके, सरकार देश में वस्तु की कमी को रोक सकती है और यह सुनिश्चित कर सकती है कि स्थानीय उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति हो।