नईदिल्ली
दिल्ली में होने वाले जी-20 समिट से पहले लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) एक्शन मोड में आ गई है। एजेंसी बेहतर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने और जमा पानी को साफ करने के लिए भूमिगत पंपों को ऊपर उठाने के काम में जुट गई है। पिछले महीने यमुना में जल स्तर बढ़ने के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई इलाके जलमग्न हो गए थे, जिससे ऐसी स्थिति पैदा हो गई थी कि 27,000 लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से निकालना पड़ा था।
राजघाट, प्रगति मैदान टनल और भैरों रोड जहां शिखर सम्मेलन के दौरान प्रतिनिधियों के आने-जाने की संभावना है, वहां भी पानी भर गया था। इससे विभाग की चिंता बढ़ गईं थीं। पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने कहा, 'हमने शिखर सम्मेलन के लिए एक बारिश आकस्मिक योजना तैयार की है। हमने विभिन्न सड़कों पर चौबीसों घंटे निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ा दी है। इसके अलावा, बाढ़ के दौरान डूबे भूमिगत पंपों को फिर से ऊंचाई पर स्थापित किया गया है।'
भारी बारिश होने की स्थिति में जलभराव को रोकने के लिए दस स्थानों की पहचान की गई है। इनमें आईटीपीओ के गेट के आसपास का क्षेत्र, शिखर सम्मेलन स्थल, प्रगति मैदान टनल, पटियाला हाउस कोर्ट के पास तिलक मार्ग, आईटीओ स्काईवॉक के पास अंडरपास और पीडब्ल्यूडी मुख्यालय के सामने इंद्रप्रस्थ मार्ग शामिल हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, प्रगति मैदान टनल के अंदर 72 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं क्योंकि इसका इस्तेमाल प्रतिनिधियों द्वारा किए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा, इनमें से कुछ कैमरे दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए हैं।
विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, प्रगति मैदान टनल के अंदर कुल 540 किलोवाट क्षमता वाले 16 स्थायी पंप काम कर रहे हैं। अधिकारी ने आगे कहा कि इनके अलावा, 40 एचपी के छह मोबाइल पंप लगाए गए हैं। पिछले महीने भारी बारिश के बाद जलमग्न हुए स्थानों में पीडब्ल्यूडी मुख्यालय के सामने वाला इंद्रप्रस्थ मार्ग भी था। यहां 337 एचपी की कुल क्षमता वाले सात पंप काम कर रहे हैं और 50 एचपी के दो मोबाइल पंप स्टैंडबाय पर रखे गए हैं। पीडब्ल्यूडी कंट्रोल रूम सीसीटीवी कैमरों से अपने अधीन आने वाले क्षेत्रों की निगरानी कर रहा है।