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भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर, ग्रोथ रेट शानदार, भारत पर भरोसा कायम – Moody’s

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नईदिल्ली

भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था (India Fastest Growing Economy) बना हुआ है और विश्व बैंक से लेकर आईएमएफ तक तमाम रेटिंग एजेंसियों ने ये माना है. अब वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody's) की ओर से भी इंडियन इकोनॉमी के लिए गुड न्यूज आई है. लंबे समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते जहां यूरोप के कई देशों की इकोनॉमी का बुरा हाल है, वहीं भारत शानदार ग्रोथ रेट के साथ आगे बढ़ रहा है. मूडीज ने भारतीय अर्थव्यवस्था की तारीफ करते हुए BAA3 रेटिंग को बरकरार रखा है.

भारतीय इकोनॉमी पर भरोसा बरकरार
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने शुक्रवार को जारी अपनी रिपोर्ट में इंडियन इकोनॉमी पर भरोसा कायम रखते हुए भारत की रेटिंग और आउटलुक को यथावत रखा है. मूडीज के मुताबिक, भारतीय इकोनॉमी इसी रफ्तार से आगे बढ़ती रहेगी. इसके साथ ही रेटिंग एजेंसी ने लॉन्ग टर्म में भारत की घरेलू और विदेशी-करेंसी की रेटिंग के साथ-साथ घरेलू-करंसी में सीनियर अनसिक्योर्ड रेटिंग को BAA3 पर बनाए रखा है. इसके अलावा भारत की शॉर्ट टर्म लोकल करेंसी रेटिंग को भी P-3 पर स्थिर रखा गया है.

भारत में आय का स्तर बढ़ रहा
रेटिंग एजेंसी Moody's का भारत पर कायम ये भरोसा इस बात की पुष्टि करता है कि देश की अर्थव्यवस्था सही ट्रैक पर बनी हुई है. हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि तेज रफ्तार से आगे बढ़ने के बावजूद भारत के संभावित ग्रोथ रेट में बीते 7 से 10 साल की अवधि में कमी देखने को मिली है.

मूडीज ने भारत पर बढ़ते कर्ज को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि इससे देश की इकोनॉमी पर असर पड़ रहा है. लेकिन साथ ही मूडीज ने कहा है कि अधिक जीडीपी ग्रोथ की वजह से आय का स्तर बढ़ रहा है और आर्थिक स्थिरता देखने को मिल रही है. फाइनेंशियल सेक्टर ग्रोथ के साथ और मजबूत हो रहा है, जिसकी वजह से वित्तीय जोखिम और इमरजेंसी कर्ज पेमेंट का भार कम हुआ है.

6-6.5% रह सकता है ग्रोथ रेट
मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि BAA3 रेटिंग और स्टेबल आउटलुक में नागरिक समाज और राजनीतिक असहमति में कटौती को भी शामिल किया गया है, जो घरेलू राजनीतिक जोखिमों के चलते और बढ़ रही है. एजेंसी ने उम्मीद जताई है कि कम से कम 2 साल तक तो भारत G-20 के सभी देशों की तुलना में ज्यादा ग्रोथ रेट हासिल करेगा. इसकी वजह घरेलू डिमांड में तेजी है. अंतरराष्ट्रीय पैमानों के हिसाब से इस तेज ग्रोथ रेट के चलते कम आय में वृद्धि होगी, जिससे आर्थिक मजबूती आएगी. मूडीज के मुताबिक, अब भारत की ग्रोथ रेट 6 फीसदी से 6.5 फीसदी रह सकती है.