ब्रिटिश
यूनाइटेड किंगडम के चेस्टर अस्पताल की एक नर्स लुसी लेटबी को सात नवजातों की हत्या का दोषी पाया गया। उसने छह अन्य को भी मारने के प्रयास किए। मैनचेस्टर क्राउन कोर्ट की जूरी ने उसे दोषी पाया गया। नर्स ने बच्चों रक्तप्रवाह में हवा और इंसुलिन इंजेक्ट किया। बच्चों को मारने के लिए उन्हें जबरदस्ती अत्यधिक मात्रा में दूध पिताली थी। पुलिस ने उसके पास से एक नोट भी बरामद किया, जिसमें उसने लिखा था, "मैंने उन्हें जानबूझकर मार डाला क्योंकि मैं उनकी देखभाल करने में सक्षम नहीं हूं। मैं बुरी हूं।"
नर्स को हत्याओं के लिए दोषी ठहराने में ब्रिटेन में जन्मे भारतीय मूल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि जयराम ने भी मदद की। उन्होंने ब्रिटिश न्यूज चैनल आईटीवी को बताया कि उन्होंने पहली बार 2015 में इस मुद्दे को उठाया था, जब उस साल तीन बच्चों की मौत हो गई थी। जयराम ने कहा, "10 मिनट से भी कम समय तक हमारी बात सुनने के बाद पुलिस को एहसास हुआ कि इस मामले में मुझे शामिल करना चाहिए।"
रिपोर्ट के अनुसार, यूके की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने अदालत को बताया कि लेटबी ने 2015 और 2016 के बीच काउंटेस ऑफ चेस्टर अस्पताल के नवजात वार्ड में कुल 13 शिशुओं पर गुप्त रूप से हमला करने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया।
सीपीएस के पास्केल जोन्स ने कहा, ''लुसी लेटबी ने अपने साथ काम करने वालों को धोखा देने की कोशिश की। उसने अपनी शिक्षा को विकृत कर दिया। बच्चों को मारने के लिए उसने अपनी कला को हथियार बना लिया।''
लेटबी को पहली बार जुलाई 2018 में गिरफ्तार किया गया था और बाद में नवंबर 2020 में आरोपी बनाया गया था। सीपीएस मर्सी-चेशायर के मुख्य क्राउन अभियोजक जोनाथन स्टोरर ने कहा, ''यह बेहद भयावह मामला है। मैं लेटबी के क्रूर अपराधों से स्तब्ध हूं।''
डॉ. रवि जयराम ने कहा कि उनमें से कुछ लोगों की जान बचाई जा सकती थी अगर समय पर लुसी लेटबी के बारे में उनकी चिंताओं पर ध्यान दिया गया होता। पुलिस जल्द ही सतर्क हो गई होती तो कई बच्चों को बचाया जा सकता था।