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साया भी साथ जब छोड़ जाए… आज दोपहर 12 बजे नहीं बनेगी परछाई; क्या है इसकी वजह

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 नई दिल्ली

आज एक अद्भुत और अनोखी खगोलीय घटना होने वाली है, जिसे जीरो शैडो डे (Zero Shadow Day) के तौर पर जाना जाता है। इसका अर्थ है कि आज दोपहर 12 बजे सूर्य की किरण की छाया नहीं बनेगी। बेंगलुरु के लोग इसका गवाह बनेंगे। इससे पहले इसी साल 25 अप्रैल को ऐसा ही नजारा देखने को मिला था। माना जाता है कि यह आमतौर पर कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच स्थित क्षेत्रों में होती है।

शून्य छाया दिवस यानी कि जीरो शैडो डे एक उल्लेखनीय खगोलीय घटना है जो साल में दो बार +23.5 से लेकर -23.5 डिग्री अक्षांश के बीच घटित होती है। इस घटना के दौरान सूर्य आकाश में अपनी चरम ऊंचाई पर पहुंच जाता है, जिससे वस्तुओं और व्यक्तियों पर कोई छाया नहीं पड़ती है। नेशनल ज्योग्राफिक के अनुसार, अक्षांश भूमध्य रेखा के उत्तर या दक्षिण की दूरी का माप है। यह काल्पनिक रेखाओं द्वारा निर्धारित होता है। यह पृथ्वी को पूर्व-पश्चिम दिशा में भूमध्य रेखा के समानांतर घेरती हैं।

जीरो शैडो डे पर क्या होता है?
इस दौरान सूर्य सीधे ऊपर की ओर स्थित होता है, जिसके परिणामस्वरूप पृथ्वी की सतह पर छाया नहीं बनती है। इस घटना के कारण सूर्य आकाश में अपने चरम पर पहुंच जाता है। छाया की लंबाई में काफी कमी आ जाती है। व्यावहारिक रूप से अदृश्य हो जाता है।

एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ऑफ इंडिया (एएसआई) के अनुसार, जब सूर्य इस स्थिति में होता है तो इसकी छाया किसी भी वस्तु पर नहीं पड़ती है। +23.5 और -23.5 डिग्री अक्षांश के बीच रहने वाले व्यक्तियों के लिए सूर्य की झुकाव वर्ष में दो बार उनके अक्षांश के साथ संरेखित होती है। एक बार उत्तरायण में और दूसरी बार दक्षिणायन में। इन विशिष्ठ दिनों में ठीक दोपहर के समय सूर्य सीधे ऊपर दिखाई देता है। जमीन पर छाया नहीं बनती है।

हैदराबाद में भी इससे पहले 3 अगस्त को दोपहर 12:23 बजे शून्य छाया दिवस देखा गया था। इस दौरान सूर्य सीधे ऊपर की ओर स्थित था। इसके कारण वस्तुओं की छाया अस्थायी रूप से गायब हो गई थी। इसके अतिरिक्त, हैदराबाद ने पहले उसी वर्ष 9 मई को शून्य छाया दिवस मनाया था।