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गो फर्स्ट एयरलाइन की सभी उड़ानें 18 अगस्त तक कैंसिल

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नई दिल्ली
आर्थिक संकट से जूझ रही एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट ने अब अपनी सभी उड़ानें 18 अगस्त तक रद्द कर दी हैं। एयरलाइन ने पिछले 3 मई से लगातार अपनी सभी फ्लाइट्स को कैंसिल कर रखा है।

कंपनी ने एक्स पोस्ट पर ट्वीट कर बताया कि परिचालन कारणों से 18 अगस्त तक गो फर्स्ट की सभी उड़ानें कैंसिल कर दी गई हैं। गो फर्स्ट ने कहा कि असुविधा के लिए हम क्षमा चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए सभी ग्राहक https:horturl.at/jlrEZ पर जा सकते हैं। किसी तरह के संशय या सवाल मन में होने पर आप बेझिझक हमसे संपर्क कर सकते हैं।

इससे पहले जुलाई के आखिर में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने दो महीने से बंद पड़ी गो फर्स्ट एयरलाइन कंपनी को 15 विमानों और 114 दैनिक उड़ानों के संचालन की अनुमति दी थी। साथ ही एयरलाइन से कहा था कि अंतरिम फंडिंग की उपलब्धता और नियामक से उड़ान कार्यक्रम की मंजूरी के साथ परिचालन शुरू कर सकता है।

गो फर्स्ट एयरलाइन मई से लगातार अपनी सभी उड़ानों को कैंसिल कर रही है। इससे पहले कंपनी ने 16 अगस्त तक के लिए अपनी सभी उड़ानों को कैंसिल कर दिया था। एयरलाइन के पास करीब 4,200 कर्मचारी हैं।

तेजस नेटवर्क को टीसीएस से मिला 7000 करोड़ से अधिक का ऑर्डर

-4जी और 5जी के उत्पाद करेगी सप्लाई

नई दिल्ली
 टाटा समूह का हिस्सा तेजस नेटवर्क, जो वायरलेस नेटवर्किंग उत्पादों का डिजाइन और निर्माण करता है,उसे टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज से 4जी और 5जी उपकरण के लिए 7,492 करोड़ रुपये का खरीद ऑर्डर मिला है। अगर आसान शब्दों में कहें तो तेजस नेटवर्क इंटरनेट सर्विस को ऑप्टिल फाइबर से घर घर पहुंचाने और ऑफिस में स्पीड फास्ट करने का काम कंपनी करती है।

तेजस कंपनी ने बताया कि उसने बीएसएनएल के अखिल भारतीय 4जी/5जी नेटवर्क के लिए अपने रेडियो एक्सेस नेटवर्क उपकरण की आपूर्ति, सपोर्ट और मेंटिनेंस सर्विसेज के लिए टीसीएस के साथ एक मास्टर कॉन्ट्रैक्ट किया है। टीसीएस से 7,492 करोड़ रुपये के खरीद ऑर्डर के हिस्से के रूप में, तेजस 100,000 साइटों के लिए उपकरणों की आपूर्ति करेगा।

तेजस नेटवर्क के सीईओ और प्रबंध निदेशक आनंद अत्रेय ने कहा, 'बेसबैंड और रेडियो उत्पादों का हमारा अत्याधुनिक पोर्टफोलियो बीएसएनएल को एक स्केलेबल और लागत प्रभावी नेटवर्क शुरू करने में सक्षम करेगा जो विश्व स्तरीय प्रदर्शन और गुणवत्ता मानकों को पूरा करता है। यह वायरलेस और वायरलाइन पेशकशों के एंड-टू-एंड सूट के साथ भारत की पहली वैश्विक स्तर की दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पाद कंपनी बनाने के हमारे मिशन को भी आगे बढ़ाता है।

तेजस ने कहा कि इस सौदे को मार्च 2023 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए अपने शेयरधारकों से आवश्यक मंजूरी मिल गई है। तेजस नेटवर्क 75 से अधिक देशों में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं, उपयोगिताओं, रक्षा और सरकारी संस्थाओं के लिए वायरलेस और वायरलेस नेटवर्किंग उत्पाद बनाती है। कारोबारी साल 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही के मुकाबले कारोबारी साल 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का घाटा 26.3 करोड़ रुपये रहा है। एक साल पहले ये घाटा 11.5 करोड़ रुपये था। इस दौरान कंपनी की आमदनी भी गिरी है। ये 37 फीसदी गिरकर 188 करोड़ रुपये रही है। एक साल पहले ये 299 करोड़ रुपये थी।

 

3700 करोड़ रुपये में हिस्सा बेचने की तैयारी में प्रमोटर समूह

नई दिल्ली
इंटरग्लोब एविएशन (इंडिगो) के शेयर  सुबह फोकस में रहेंगे क्योंकि प्रमोटर समूह गंगवाल परिवार ब्लॉक डील के जरिए 3,730 करोड़ रुपये या 450 मिलियन डॉलर मूल्य के शेयर बेच सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, गंगवाल परिवार ने 2,400 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य के साथ ब्लॉक पर 1.56 करोड़ शेयर रखे हैं। जो कि पिछले बंद स्तर के मुकाबले करीब 6 फीसदी डिस्काउंट पर है।

रिपोर्ट के अनुसार, गंगवाल परिवार बैंकरों मॉर्गन स्टेनली, जेपी मॉर्गन और गोल्डमैन सैक्स के माध्यम से एक ब्लॉक डील में $450 मिलियन मूल्य के शेयर बेच रहा है। परिवार अपने 5.6 प्रतिशत शेयर 2,400 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य पर पेश कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडिगो को क्त1 में 3,090 करोड़ रुपये ($414.98 मिलियन) का शुद्ध लाभ हुआ, जबकि राजस्व 17,160 करोड़ रुपये ($2.30 बिलियन) था।

इंटरग्लोब एविएशन बल्क सेल होनी है जिसमें राकेश गंगवाल और शोभा गंगवाल अपने शेयर पेश करेंगे। बल्क सेल का बेस ऑफर साइज 1.56 करोड़ शेयर तक है। वहीं ऑफर फ्लोर प्राइस पर डील 3730 करोड़ रुपये या 45 करोड़ डॉलर की है। डील के प्लेसमेंट एजेंट जेपी मार्गेन, गोल्डमैन सैक्स, और मार्गेन स्टेनली है।

राकेश गंगवाल ने फरवरी 2022 में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा था कि वो धीरे धीरे अपनी हिस्सेदारी कम करेंगे। पिछले साल सितंबर में राकेश और शोभा गंगवाल ने कंपनी में 2.74 फीसदी हिस्सेदारी को 2005 करोड़ रुपये में बेची थी। इसके बाद साल 2023 में फरवरी में गंगवाल फैमिली ने 4 फीसदी हिस्सेदारी 2900 करोड़ रुपये में बेच दी थी।