मुंबई
एनसीपी चीफ शरद पवार और अजित पवार की मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि शरद पवार को मनाने के लिए बीजेपी ने अजित पवार के जरिए एक बड़े ऑफर की पेशकश की है. हालांकि, शरद पवार ने साफ कर दिया कि बीजेपी के साथ जाने में उनकी कोई दिलचस्पी है.
शरद पवार ने भले ही साफ कर दिया हो कि बीजेपी के साथ जाने वालों के साथ उनका कोई संबंध नहीं है. न ही महाविकास अघाड़ी में कोई भ्रम है. लेकिन अघाड़ी में सहयोगी कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने बड़ा दावा किया है. चव्हाण ने दावा किया है कि बीजेपी ने अजित पवार के जरिए शरद पवार को बड़े ऑफर की पेशकश की है.
शरद पवार को मिले ऑफर में क्या?
एक अखबार ने पृथ्वीराज चव्हाण के हवाले से अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि बीजेपी ने शरद पवार को केंद्र में कृषि मंत्री बनाने और नीति आयोग के अध्यक्ष पद का ऑफर दिया है. इसके अलावा सांसद सुप्रिया सुले और विधायक जयंत पाटिल को मंत्री बनाने की भी पेशकश की गई है.
क्यों लग रहे कयास?
दरअसल, हाल ही में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पावर ने अपने चाचा शरद पवार से मुलाकात की थी. ये सीक्रेट मुलाकात पुणे में एक उद्योगपति के घर पर हुई थी. अजित इसी साल जुलाई में शरद पवार से बगावत कर महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. हालांकि, इस बगावत के बाद अजित ने डेढ़ महीने में शरद पवार से चार बार मुलाकात की है.
शिवसेना ने भी साधा निशाना
हाल ही में शिवसेना (उद्धव गुट) ने भी अजित के बार बार मुलाकात करने पर शरद पवार पर निशाना साधा. शिवसेना ने अपने संपादकीय सामना में लिखा, डिप्टी सीएम अजित पवार बार-बार शरद पवार से मुलाकात के लिए जा रहे हैं और मजे की बात यह है कि शरद पवार किसी मुलाकात को टाल नहीं रहे हैं. कुछ मुलाकात खुले तौर पर हुईं तो कुछ गुप्त रूप से हो रहीं, इसलिए लोगों के मन में भ्रम पैदा हो रहा है.
सामना ने लिखा, लोगों के मन में भ्रम पैदा हो रहा कि बीजेपी के देशी चाणक्य अजित पवार को ऐसी मुलाकातों के लिए धकेलकर भेज रहे हैं क्या? ऐसी शंका को बल मिल रहा है. लेकिन क्या अजित पवार की ऐसी मुलाकातों से भ्रम निर्माण होगा या और बढ़ेगा? जनता की सोच इससे आगे पहुंच चुकी है. इस रोज-रोज के खेल से मन में एक प्रकार की उदासीनता निर्माण हो गई है और इसके लिए वर्तमान राजनीति ही जिम्मेदार है.
संजय राउत बोले- अजित इतने बड़े नेता नहीं कि…
भले ही अजित और शरद पवार की मीटिंग को लेकर शिवसेना ने सामना के जरिए प्रतिक्रिया दी हो, लेकिन शरद पवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देने की पेशकश की खबरों पर संजय राउत ने कहा कि अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं हैं कि वह शरद पवार को ऑफर दे सकें. अजित पवार को पवार (शरद पवार) साहब ने बनाया है. अजित पवार ने शरद पवार को नहीं बनाया. 60 साल से भी ज्यादा समय पवार साहब ने संसदीय राजनीति में बिताया है और 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं. उनका जो कद है वह बहुत बड़ा है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने भी उठाए सवाल
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि वे एनसीपी चीफ शरद पवार और अजित पवार के बीच होने वाली सीक्रेट मीटिंग मंजूर नहीं हैं और यह उनकी पार्टी के लिए चिंता का विषय है. पटोले ने कहा, यह हमारे लिए चिंता का विषय है और इस मामले पर कांग्रेस के शीर्ष नेता चर्चा करेंगे. INDIA गठबंधन भी इस पर चर्चा करेगा, इसलिए मेरे लिए इस पर आगे चर्चा करना उचित नहीं होगा.
शरद पवार का क्या है रुख?
हालांकि, शरद पवार गुट की मानें तो पवार बीजेपी के साथ जाने के पक्ष में नहीं हैं. इतना ही नहीं वे बीजेपी के खिलाफ राज्य भर में रैलियों करेंगे. इसकी शुरुआत 17 अगस्त से बीड से होने जा रही है. साथ ही 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में इंडिया की बैठक की तैयारी में वो जुटे हैं.
वहीं, शरद पवार ने साफ कर दिया कि वे अपने स्टैंड पर कायम है. शरद पवार ने कहा कि हमारे कुछ साथियों ने अलग रुख अपनाया है. आज या कल उनका भी परिवर्तन हो सकता है. हालांकि, पवार ने कहा कि वे बदलें या न बदलें, हम अपना रास्ता नहीं बदलना चाहते.