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शिक्षा को संविधान की समवर्ती सूची से हटाकर राज्य सूची में शामिल करने को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की वकालत

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 तमिलनाडु

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शिक्षा को संविधान की समवर्ती सूची से राज्य सूची में स्थानांतरित करने की मंगलवार को वकालत की। स्टालिन ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में घोषणा की कि विभिन्न सरकारी विभागों में लगभग 55,000 रिक्तियां भरी जाएंगी। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री सी एन अन्नादुरई और एम करुणानिधि ने अपने पूरे जीवन संघीय भारत में राज्यों की स्वायत्तता की वकालत की। स्टालिन ने कहा कि लोगों से सीधा जुड़ाव रखने वाले सभी विषयों, विशेषकर शिक्षा, को संविधान की राज्य सूची के तहत लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल शिक्षा को संविधान की राज्य सूची में स्थानांतरित करके, क्रूर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) जैसी योग्यता परीक्षा पद्धति को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है। स्टालिन ने नीट के कथित तनाव के कारण एक परीक्षार्थी के आत्महत्या करने के बाद उसके पिता द्वारा भी खुदकुशी किए जाने की घटना के मद्देनजर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सोमवार को अपील की थी कि वह इस परीक्षा से तमिलनाडु को छूट देने की मांग करने वाले राज्य सरकार के विधेयक को तत्काल मंजूरी दें। स्टालिन ने नीट समर्थक रुख के लिए राज्यपाल आर एन रवि की भी आलोचना की। संविधान (बयालीसवां संशोधन) अधिनियम, 1976 ने 'शिक्षा' विषय को राज्य सूची से समवर्ती सूची में स्थानांतरित कर दिया था।

स्टालिन ने कहा कि राज्यों वाले राष्ट्र को विभिन्न नस्लों, भाषाओं, धर्मों और संस्कृतियों के लोगों के विकास को ध्यान में रखते हुए विकसित होना चाहिए। उन्होंने कहा, ''पूरे भारत में हर किसी के लिए शासन के सामाजिक न्याय के नेतृत्व वाले द्रविड़ मॉडल के प्रसार से अधिक और कोई खुशी की बात नहीं हो सकती।'' डॉ. बी आर आंबेडकर और 'पेरियार' ई वी रामासामी सहित दिग्गज नेताओं को सूचीबद्ध करते हुए स्टालिन ने कहा कि वे सभी एक समतावादी भारत चाहते थे। उन्होंने कहा, ''हम तमिलनाडु में ऐसी सरकार चला रहे हैं। द्रमुक राज्य की स्वायत्तता, सामाजिक न्याय, समानता, आत्मसम्मान, भाषा (मातृभाषा) के प्रति प्रेम और जातीय अधिकार' के आदर्शों से प्रतिबद्ध है।'' उन्होंने कहा कि सरकार भी ऐसे ही आदर्शों पर आधारित है। उन्होंने कहा, ''स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि एक ऐसे भारत का निर्माण होगी जो सामाजिक न्याय, समानता, भाईचारा, धर्मनिरपेक्षता और उत्पीड़ित लोगों के कल्याण के ऊंचे आदर्शों का पोषण करे। आइए हम एकता के माध्यम से उस स्वतंत्रता की रक्षा करें, जिसने हमें आजादी दिलाई। आइए मतभेद के बीज बोने वाली ताकतों को उखाड़ फेंके। भारतीय होने के गर्व के साथ भारत से प्यार करने वाले सभी लोगों को मेरी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।''

मुख्यमंत्री ने द्रमुक शासन की कल्याणकारी योजनाओं का विस्तार से उल्लेख किया और कहा, सरकारी शहरी बसों में महिलाओं के लिए किराया-मुक्त यात्रा योजना के तहत, हर दिन 50 लाख महिलाएं यात्रा करती हैं। उन्होंने कहा, ''इस योजना में अब तक महिलाएं सरकारी बसों में लगभग 314 करोड़ यात्राएं कर चुकी हैं और लाभान्वित हुई हैं। प्रत्येक लाभार्थी औसतन प्रति माह 850 रुपये से अधिक की बचत कर पाती है।'' उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान, जब से द्रमुक ने सत्ता संभाली है, तमिलनाडु में चहुंमुखी विकास हुआ है। स्टालिन ने अपने संबोधन में कई घोषणाएं कीं। सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त कर्मियों के लाभ के लिए, मुख्यमंत्री ने उपयुक्त पुन: रोजगार के अवसरों की सुविधा के लिए उन्हें कुशल बनाने की योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि लगभग सात करोड़ रुपये की लागत से 10,000 कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें सही रोजगार मिलने तक सभी सहायता प्रदान की जाएगी। स्टालिन ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्यों को मासिक पेंशन 10,000 रुपये से बढ़ाकर 11,000 रुपये की जाएगी। सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए नाश्ता योजना 25 अगस्त से सभी 31,008 सरकारी स्कूलों तक विस्तारित की जाएगी, जिससे 15.75 लाख छात्र लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना तिरुक्कुवलाई (तिरुवरुर) के एक स्कूल में शुरू की जाएगी, जहां करुणानिधि ने पढ़ाई की थी और चालू वित्त वर्ष के लिए योजना के लिए 404 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

उन्होंने ओला, उबर, स्विगी और जोमैटो जैसी कंपनियों के श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए एक अलग कल्याण बोर्ड की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने दोहराया कि महिलाओं के लिए मासिक 1,000 रुपये की सहायता योजना (कलैगनार मगलिर उरीमाई थित्तम) 15 सितंबर को अन्नादुरई की जयंती पर शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि महिला ऑटोरिक्शा चालकों को नए वाहन खरीदने के लिए एक लाख रुपये की सब्सिडी योजना को 500 और लाभार्थियों तक विस्तारित किया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने यहां कैथेड्रल रोड पर 25 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 6.09 एकड़ भूमि पर 'कलैगनार सेंटेनरी पार्क' की घोषणा की। उन्होंने कहा, ''भारतीय संघ के स्वतंत्रता दिवस का 77वां वर्ष शुरू हो गया है।