नईदिल्ली
केंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. कैबिनेट ने पीएम ई-बस सेवा और विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दे दी है. 57,613 करोड़ रुपये की पीएम ई-बस सेवा के तहत 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी. इन बसों का ट्रायल देश के 100 शहरों में होगा.
कैबिनेट की बैठक में लिए गए इन फैसलों के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दी गई है. इस योजना 57,613 करोड़ रुपये की है.
केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री ने पीएम विश्वकर्मा योजना को भी मंजूरी दे दी. इस योजना के तहत लोगों के पारंपरिक कौशल को आर्थिक मदद दी जाएगी. इस योजना के तहत तय शर्तों के तहत एक लाख रुपये तक का कर्ज मुहैया कराया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमंडल ने सिटी बस परिचालन को बढ़ाने के लिए 'पीएम-ईबस सेवा' को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दे दी गई है। इस पर ₹57,613 करोड़ खर्च किए जाएंगे। देश भर में 100 से अधिक शहरों में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी।"
बता दें कि सरकार के इस फैसले के तहत देश के अलग-अलग हिस्सों में इलेक्ट्रिक बस चलाई जाएंगी। ये इलेक्ट्रिक बसें पर्यावरण के अनुकूल होंगी। अनुराग ठाकुर ने बताया कि देश के 169 शहरों में से 100 शहरों को इसके लिए चुना गया है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि शहरों का चयन चैलेंज मैथड से किया जाएगा। यह योजना पीपीपी मोड के तहत 2037 तक चलेगी। वहीं, सरकार की ओर से दस साल तक समर्थन दिया जाएगा। आपको बता दें कि मोदी सरकार का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव से पहले बड़ी संख्या में शहरों को कवर कर आम लोगों को राहत पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
रेलवे से जुड़ी 7 प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी
इसके साथ ही रेलवे से जुड़ी 7 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है। ये प्रोजेक्ट्स नई रेलवे लाइनें बिछाने और रेल लाइन अपग्रेडेशन से संबंधित हैं। ये प्रोजेक्ट करीब 20,000 करोड़ रुपये की लागत से पूरे होंगे। यह 4,195 करोड़ रुपये की लागत से पूरे भारत में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की तैयारी का हिस्सा है। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट अमृत भारत स्टेशन योजना के अनुरूप है।
रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने स्कीम को मंजूर किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत परंपरागत पेशों में जुड़े लोगों को मदद दी जाएगी। इसके तहत कुम्हार, लुहार, बढ़ई, सुनार, खिलौने तैयार करने वाले, मूर्तिकार, जैसे पेशों में जुड़े लोगों को लोन दिया जाएगा। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसके तहत लाभार्थियों को एक लाख रुपये का लोन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत लोगों को स्किल भी दी जाएगी। वहीं आधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए 15 हजार रुपये की मदद दी जाएगी।
यही नहीं परंपरागत कामों में लगे लोगों को 1 लाख रुपये तक के लोन दिए जाएंगे। इससे वे अपने काम को आगे बढ़ा सकेंगे और इसका लोन अधिकतम 5 फीसदी ही रहेगा। उन्होंने कहा कि इस लोन के तहत बेहद आसान शर्तें होंगी। पहली बार में यदि कोई 1 लाख रुपये के लोन को नियमित तौर पर चुकाता है तो फिर आगे चलकर वह 2 लाख रुपये का भी लोन ले सकेगा। इस स्कीम के तहत प्रशिक्षण लेने वालों को प्रतिदिन 500 रुपये का स्टाइपेंड भी दिया जाएगा। इस स्कीम को स्किल इंडिया का ही विस्तार माना जा रहा है। इसके तहत सरकार परंपरागत पेशों के साथ तकनीक को जोड़ना चाहती है ताकि बड़ी संख्या में स्वरोजगार पैदा किए जा सकें।