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सीएम शिवराज ने लाल परेड मैदान में फहराया तिरंगा, बोले- हमें आजादी तो मिली, लेकिन अखंड भारत नहीं मिला

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भोपाल

 मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज भोपाल के लाल परेड मैदान में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। इस बार परेड में 18 टुकड़ियां शामिल हो रही है, हर्ष फायर क‍िया गया। पहली बार लाड़ली बहना सेना भी परेड में शामिल हुुुई । इसके पहले सीएम शिवराज ने अपने निवास पर भी ध्वजारोहण कर सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को शुभकामनाएं दीं। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मुख्‍यमंत्री जन आवास योजना प्रारंभ की जाएगी, ज‍िससे वंचितों को आवास उपलब्‍ध कराएं जाएंगे।मुख्‍यमंत्री मेघावी योजना प्रारंभ कर रहे है। जिससे हमारे बच्‍चों को लाभ म‍िले। महालोक की तर्ज पर प्रदेश के कई स्‍थानों पर धार्मिक लोग बनाए जाएंगे।

यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हैं। पदक अलंकरण समारोह में परेड कमांडर, प्लाटून कमांडर्स को पुरस्कृत किया जाएगा।

राष्ट्रपति पदक पाने वाले 64 अधिकारियों – कर्मचारियों को भी पदक मिलेंगे। सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक दतिया की कुमारी अंजली बघेल को, उत्तम जीवन रक्षक पदक सीधी की किरण बैगा, जीवन रक्षा पदक हरदा के प्रधान आरक्षक बृजेश कुमार साहू को मिलेगा।

समारोह में पुलिस महानिदेश सुधीर सक्सेना भी मौजूद हैं। मुख्य परेड का नेतृत्व इंडियन पुलिस सेवा की एसीपी सोनाक्षी सक्सेना कर रही हैं। सहायक परेड कमांडर के रोल में उप एसीपी भोपाल एटीएस के राहुल कुमार सैयाम मौजूद हैं। परेड में पुलिस बैंड समेत 18 टुकड़ियां शामिल हैं।

इससे पहले CM शिवराज ने मुख्यमंत्री आवास पर ध्वजारोहण किया। भोपाल के शौर्य स्मारक पहुंचकर शहीदों व क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि दी। जनसंपर्क विभाग के आयुक्त मनीष सिंह ने मप्र माध्यम परिसर में ध्वजारोहण किया।

मुख्यमंत्री की भाषण के मुख्य बिन्दु

  •     क्रांतिकारियों की त्याग, तपस्या और बलिदान के कारण भारत आजाद हुआ। एक कसक हमारे सीने में आज भी है। आजादी तो मिली, लेकिन अखंड भारत नहीं मिला। विभाजन की विभिषिका भूले नहीं भूलती। उस समय ऐतिहासिक भूल हुई भारत के टुकड़े कर दिए गए।
  •     एक और ऐतिहासिक भूल हुई उस समय, कश्मीर की आजादी के लिए हमारी सेनाएं लड़ रही थीं, अचानक युद्ध विराम हो गया। बाद में कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान में रह गया। लेकिन, भारत में जो कश्मीर था, उसमें भी धारा 377 लगाकर भारत के साथ उसको एक नहीं होने दिया। आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इस धारा को खत्म कर 'एक देश में दो विधान नहीं चलेंगे' के संकल्प को पूरा किया गया है।
  •     दुनिया को आदर्श देने वाला हमारा देश आपसी मतभेदों के कारण बीच में गुलामी का शिकार हुआ। पहले मुगल, फिर अंग्रेजों के आक्रमण हुए। तब भी भारत ने अपनी संस्कृति, दर्शन, परंपरा को नहीं छोड़ा। भारत की आत्मा मरी नहीं। हमारे महापुरुष संघर्ष करते रहे।
  •     भारत ने दुनिया को हजारों साल पहले एकता का संदेश दिया। हमारे ऋषि कहते थे- एकम सत्यम विप्रा बहुधा वदंति, यानी- सत्य एक है: जिसे बुद्धिमान विभिन्न नामों से बुलाते हैं।
  •     भारत का इतिहास 75 साल पुराना नहीं है। हजारों साल पुराना तो ज्ञात इतिहास है हमारा। जब दुनिया के विकसित देशों में सभ्यता का सूर्य उदय नहीं हुआ था, तब हमारे यहां वेद रच दिए गए थे।
  •     आज देश उत्सव और आनंद में डूबा हुआ है। यह आजादी का अमृत काल है।