नईदिल्ली
अनधिकृत रूप से विभिन्न वैधानिक प्रविधानों के उल्लंघन कर ऑनलाइन भुगतान प्रणाली गूगल-पे द्वारा नागरिकों के आधार डेटा का उपयाेग करने के खिलाफ याचिकाकर्ता अभिजीत मिश्रा द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली HC ने अपना निर्णय सुनाया। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया है।
इन नियमों के उल्लंघन को लेकर दायर हुई थी याचिका
अधिवक्ता पायल बहल व प्रखर गुप्ता के माध्यम से दायर याचिका में अभिजीत मिश्रा ने दावा किया था कि गूगल-पे आधार अधिनियम-2016, भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 और बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 का उल्लंघन कर रहा है।
उन्होंने कहा था कि सूचना के अधिकार के तहत यूआईडीएआई से मिली जानकारी के अनुसार नागरिकों के आधार विवरणों तक पहुंचने व उपयोग करने की गूगल-पे को अनुमति नहीं दी गई और न ही इसके लिए कोई आवेदन ही मांगा। उन्होंने आधार अधिनियम के प्रविधानों का उल्लंघन करने को लेकर गूगल-पे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए यूआइडीएआइ को निर्देश देने की मांग की थी।