नई दिल्ली
दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को जहां सरसों तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट देखी गई, वहीं मूंगफली और सोयाबीन तेल-तिलहन, पामोलीन और बिनौला तेल कीमतें पूर्वस्तर पर बनी रहीं। बेकरी वालों की मांग के कारण कच्चा पामतेल (सीपीओ) कीमत में सुधार हुआ। बाजार सूत्रों ने कहा कि आने वाले त्योहारों के मौसम में नरम तेलों की मांग बढ़ने की स्थिति को देखते हुए सरकार को यह ध्यान में रखना होगा कि कितनी मात्रा में अर्जेन्टीना और अन्य देशों में जुलाई महीने में नरम तेल की जहाजों पर लदान हुई है।
135-145 रुपये लीटर के भाव बेच रहीं कंपनियां
बजार सूत्रों के मुताबिक बड़ी कंपनियों और पैकरों के अधिक एमआरपी होने के कारण उपभोक्ताओं को तेल ऊंचे दाम में खरीदना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सूरजमुखी तेल का आयात करने में दाम 89 रुपये लीटर पड़ता है, लेकिन मांग नहीं होने के कारण रिफाइंड करने वाली कंपनियां इसे 83 रुपये लीटर के थोकभाव से बेच रही हैं। इसका अधिकतम खुदरा मूल्य 105-108 रुपये होना चाहिए, लेकिन उपभोक्ताओं को यह तेल 135-145 रुपये लीटर के दाम पर मिल रहा है। देश की एक बड़ी खाद्यतेल कंपनी ने 500 टन सीपीओ की खरीद की है, जिससे सीपीओ के भाव में सुधार आया। इसकी बेकरी बनाने वाली कंपनियों में मांग है।