लखनऊ
भाजपा ने वर्ष 2013 में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी बनाने के लिए देशभर से लोहा इकट्ठा किया था। पार्टी 2014 में एक दशक के वनवास के बाद प्रचंड बहुमत से सत्ता में लौट आई थी। अगले साल फिर लोकसभा चुनाव है। इस बार भगवा दल गांव-गांव से मिट्टी और गांव के हर घर से चावल एकत्रित करेगा। इसके लिए पार्टी मेरी माटी-मेरा देश अभियान शुरू कर रही है। अभियान के जरिए भाजपा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के मुद्दे को धार देने को घर-घर जाएगी।
करीब पौने दो महीने के महाजनसंपर्क अभियान के बाद अब भाजपा फिर नई मुहिम छेड़ने की तैयारी में है। आजादी के पर्व के सहारे पार्टी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के स्वर और मुखर करेगी। दरअसल इस अभियान के जरिए भाजपा करोड़ों ग्रामीण मतदाताओं तक पहुंचेगी। अगर अकेले यूपी की बात करें तो 15 करोड़ से अधिक मतदाताओं वाले इस प्रदेश में 12 करोड़ से ज्यादा वोटर ग्रामीण क्षेत्र में ही निवास करते हैं। आगामी लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा इस वोट बैंक पर अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहती है।
चलेगी ग्रामीणों में पैठ बढ़ाने की मुहिम
इसके लिए पार्टी ने दोतरफा रणनीति तय की है। एक ओर मेरी माटी-मेरा देश अभियान के जरिए गांव-गांव और हर घर तक पहुंचने की मुहिम चलेगी। अभियान के ग्रामीणों से सीधे जुड़ाव के लिए हर घर से कलश में चावल एकत्रित किए जाएंगे। हर गांव से थोड़ी माटी भी एकत्रित की जाएगी। इसके पीछे मंशा हर दहलीज तक पहुंच ग्रामीणों में पैठ बढ़ाने की है। इसका आगाज शनिवार से हर घर तिरंगा लगाने के अभियान से हो रही है। यह जिम्मेदारी संगठन के बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को दी गई है। ताकि उन्हें भी चुनाव तक लगातार उनकी सक्रियता भी बनी रहे।
ग्रामीण जनप्रतिनिधि भी किए जा रहे सक्रिय
वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्र की नुमाइंदगी करने वाले पंचायती राज स्थानों से जुड़े जनप्रतिनिधियों को भी पार्टी सियासी सक्रियता बढ़ाने का प्रशिक्षण दे रही है। जिला पंचायत अध्यक्षों का प्रशिक्षण 7-8 अगस्त को हरियाणा के सूरजकुंड में हो चुका है। वहीं जिला पंचायत सदस्यों के प्रशिक्षण भी क्षेत्रवार चल रहे हैं। फिर बारी नगर निगमों के अलावा नगर पालिका व नगर पंचायत प्रतिनिधियों और आगे बीडीसी और ग्राम प्रधानों तक को प्रशिक्षित करने की है।