जिनके बल की थाह पाना मुश्किल ही नहीं असंभव है। जिन्होनें बलशाली भीम का घमंड को तोड़ा, जिस महारथी ने महाभारत में अर्जुन के रथ की रक्षा का भार संभाला, जो मर्यादा पुरुषोत्तम के आदर्श सेवक रहे और सूर्य को निगलने का साहस किया। ऐसे पवनसुत हनुमान अपने भक्तों के सभी तरह के कष्टों का हरण करते हैं। हनुमानजी की आराधना के कई तरीके हैं, जिनकी मदद से आप मनवांछित फल को प्राप्त कर सकते हैं। हनुमानजी की आराधना से इच्छापूर्ति का ऐसा ही तरीका हनुमान चालीसा में दिया गया है। गोस्वामी तुलसी दास द्वारा रचित हनुमान चालीसा में जीवन के उत्थान का रहस्य छुपा हुआ है। हनुमान चालीसा में मंत्र नही बल्कि बजरंगबली की विशेषताओं का वर्णन दिया गया है। हनुमान चालीसा का वाचन मंगलवार और शनिवार को करना बेहद शुभ रहता है। हनुमान चालीसा की कुछ विशेष चौपाइयों के पाठ से जीवन की कठिनाइयों का हरण होता है। भूत पिशाच निकट नहीं आवे। महावीर जब नाम सुनाए ।। इस चौपाई के रोजाना 108 बार जाप सुबह और शाम को करने से भक्त भयहीन हो जाता है और उसको सभी तरह के भय से अभय मिल जाता है। नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।। बीमारी की दशा मे जब कोई उम्मीद की किरण दिखाई नहीं दे रही हो और असाध्य रोग ने घेर रखा हो तो इस चौपाई के सुबह शाम 108 बार जाप करने से रोगों का निवारण होता है। अष्ट-सिद्धि नवनिधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।। इस चौपाई के जाप से उपासक में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और उसको विपरीत परिस्थितियों से जूझने की शक्ति प्राप्त होती है। सूर्योदय के पूर्व इस चौपाई के जाप से असीम ऊर्जा के प्राप्त करने का भी अहसास होता है। विद्यावान गुनी अति चातुर। रामकाज करिबे को आतुर।। हनुमान चालीसा की इस चौपाई के जाप से विद्या और धन की प्राप्ति सुगम हो जाती है।