लखनऊ
पीजीआई में शीघ्र ही बेड और डाक्टरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। साथ ही स्ट्रेचर पर या एम्बुलेनस से आए गम्भीर मरीजों को इमर्जेन्सी में भर्ती किया जाएगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को विधान परिषद में यह आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण अस्पतालों में गिने जाने वाले पीजीआई में इस समय इमर्जेन्सी में बेड की कमी है। हम इसे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि कुछ दिनों पूर्व इस अस्पताल में 30 बेड बढ़ाए गए हैं फिर भी वहां आने वाले मरीजों की तुलना में यह संख्या कम है।
लिहाजा इसमें वृद्धि की कोशिश लगातार जारी है। श्री पाठक ने कहा कि वे पीजीआई के निदेशक को इस बारे में निर्देश देंगे कि वे नए आने वाले गम्भीर मरीजों के इलाज के लिए अपनी व्यवस्था बढ़ाएं। दरअसल, प्रश्नकाल के दौरान सपा के डा. मान सिंह यादव ने एसजीपीजीआई में गम्भीर मरीजों को भी भर्ती नहीं किए जाने का मामला उठाया था। डा. यादव ने कहा कि पीजीआई में आने वाले 90 फीसदी गम्भीर मरीजों को भी बाहर कर दिया जाता है।
इस दौरान उन्होंने पूछा कि पीजीआई समेत प्रदेश के बड़े सरकारी अस्पतालों में गम्भीर रोग से पीड़ित मरीज भर्ती न होने के कारण दम तोड़ रहे हैं। सरकार के पास दूर-दराज से आने वाले ऐसे मरीजों को तत्काल अनिवार्य रूप से भर्ती किए जाने या इलाज देने की कोई कार्य योजना तक नहीं है।
बता दें कि कुछ समय पहले ही ये भी घोषणा की गई थी कि संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में इमरजेंसी मेडिसिन और गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में 30-30 बेड बढ़ाए जाएंगे। इससे यहां 90-90 बेड हो जाएंगे। इससे यहां ज्यादा मरीजों को इलाज मिल सकेगा। कई विभागों के पास बेड की संख्या कम है। जरूरत अनुसार और मरीजों की संख्या अनुसार इन विभागों में बेड बढ़ाए जा रहे हैं।