चाईबासा
चाईबासा जिले के जंगल में नक्सलियों का दस्ता छिपा है। सुरक्षा बल लगातार इन इलाकों में अभियान चला रहे हैं। जंगल के इलाकों में लैंड माइंस और कई स्पाइक छिपी है। जिससे नक्सली सुरक्षा बलों का रास्ता रोकने की कोशिश करते हैं। जिले के टोंटो थाना क्षेत्र इलाके में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। चार साल में पहली बार सुरक्षा बल भाकपा माओवादी नक्सली संगठन सेंट्रल कमेटी और एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के करीब पहुंच गयी है।
जंगल में सिमट गये हैं नक्सली
सुरक्षा बल की मुठभेड़ मिसिर बेसरा के गिरोह के साथ हुई है। नक्सलियों के साथ हुई इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ कोबरा बटालियन और झारखंड पुलिस की ओर से झारखंड जगुआर की टीम शामिल थी। दोनों तरफ से कई राउंड गोलियां चली और मिसिर बेसरा अपने दस्ते के साथ पीछे हटने को मजबूर हो गया। इस अभियान की सफलता के बाद नक्सलियों का दायरा और छोटा हो गया है।
बंकर किया गया ध्वस्त थी कई सुविधाएं
अभियान की सफलता के बाद मिसिर बेसरा के बेस कैंप को सुरक्षा बलों ने ध्वस्त कर दिया। बंकर 20 गुणा 40 के आकार में था और यही से एक करोड़ का ईनामी नक्सली मिसिर बेसरा ऑपरेट कर रहा था। बंकर में लाइट की सुविधा से लेकर दैनिक जरूरत का हर सामान मौजूद था। बंकर में सुरक्षा बलों को मोर्टार, विस्फोटक सहित अन्य हथियार और नक्सली साहित्य बरामद हुए हैं। पुलिस अधिकारियों ने अभी इस संबंध में खुलासा नहीं किया है लेकिन यह बड़ी सफलता मानी जा रही है।
मजबूत रहता है एक करोड़ ईनामी नक्सली का सुरक्षा घेरा
मिसिर बेसरा रणनीति बनाने वाला है वह कभी आमने – सामने की लड़ाई नहीं करता वह सुरक्षा घेरे के अंदर रहकर रणनीति तैयार करता है। नक्सली उसे मजबूत सुरक्षा घेरे के बीच रखते हैं बेस कैंप में जिस जगह मिसिर बेसरा रहता था, उसके चारों और लैंड माइंस बिछी रहती थी ताकि कोई भी आसानी से वहां तक ना पहुंच सके। चार वर्षों बाद सीआरपीएफ के सहयोग से पहली बार पुलिस मिसिर बेसरा के बेस कैंप तक पहुंचने में सफल हुई है।