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बाबा अपराजित ने आउट होने पर बखेड़ा खड़ा किया, अंपायर और विपक्षी खिलाड़ियों से भिड़े

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 नई दिल्ली

ऐसे कई उदाहरण हैं, जब क्रिकेटर मैदान पर अपनी भावनाओं पर काबू रखने में नाकाम रहे हैं। हाल ही में समाप्त हुई एशेज सीरीज ऐसे क्षणों से भरी हुई थी और अगर हम अपना ध्यान भारतीय क्रिकेट पर केंद्रित करें तो पाएंगे कि महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने पिछले महीने मैदान पर अपना आपा खो दिया था। यहां तक कि मैदान के बाहर भी हरमन का व्यवहार ठीक नहीं था। वहीं, अब एक घरेलू क्रिकेटर ने मैदान पर जमकर हंगामा किया। तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन डिवीजन 1 टूर्नामेंट में बाबा अपराजित ने अंपायर और विपक्षी खिलाड़ियों के साथ खूब बहस की।

इस घटना में जॉली रोवर्स सीसी और यंग स्टार्स क्रिकेट क्लब के बीच मैच के दौरान एक विवादास्पद एलबीडब्ल्यू आउट शामिल है, जिसके बाद इस मामले में बल्लेबाज अपराजित की मैदान से बाहर जाने से पहले अंपायर और विपक्षी खिलाड़ियों के साथ तीखी नोकझोंक हुई। यहां तक कि मैच करीब 5-6 मिनट तक रूका। पहले नजरिए में अंपायर ने बल्लेबाज को lbw आउट दिया था, जो बाद में कैच आउट में बदला गया। यहां तक कि बल्लेबाज कैच आउट भी नहीं था, क्योंकि ऐसा लग रहा था कि गेंद फील्डर के हाथों में पहुंचने से पहले जमीन को छूकर गई थी।  
 

यह घटना तब हुई जब अपराजित 34 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे और जॉली रोवर्स सीसी के कप्तान हरि निशांत की एक तेज टर्न वाली गेंद बल्लेबाज के पैड पर लगी और फॉरवर्ड शॉर्ट लेग पर जीएस राजू के पास चली गई। गेंदबाज और बल्लेबाज के करीब खड़े फील्डर ने अपील की और अंपायर को लगा कि यह आउट है तो उन्होंने आउट दे दिया। हालांकि, अपराजित इस फैसले से हैरान रह गए और उन्होंने एक एनिमेटेड प्रतिक्रिया देते हुए इशारा किया कि ऐसा कैसे हो सकता है। अपराजित अपने मामले का बचाव करते रहे, लेकिन अंपायर अपने फैसले पर अड़े रहे।

इस दौरान विपक्षी खिलाड़ियों, अपराजित और दोनों अंपायरों के बीच खूब बहस हुई। पवेलियन लौटने के बाद भी अपराजित अंपायर और विपक्षी खिलाड़ियों से बहस करते रहे। पवेलियन लौटते समय वे फिर से मैदान पर गए और विपक्षी खिलाड़ियों से भिड़ने ही वाले थे, लेकिन अंपायरों ने उन्हें अलग कराया। करीब 5 मिनट के बाद वे मैदान से बाहर गए और तब जाकर मैच शुरू हुआ, लेकिन एक युवा खिलाड़ी के लिए इस तरह का व्यवहार करना सही नहीं है। अगर अंपायर ने आउट दिया है तो कुछ सेकेंड आप मर्यादा में रहकर निराशा जाहिर कर सकते हैं, लेकिन ऐसा बर्ताव नहीं करना चाहिए।