रायपुर
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग द्वारा हर घर ध्यान अभियान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की एक पहल है और आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित है। संस्थान के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एडवांस्ड मेडिटेशन प्रोग्राम टीचर तथा एनआईटी रायपुर के सन 1981 के छात्र रह चुके श्री अश्विनी कुमार जग्गी जी रहे।
कार्यक्रम में भौतिकी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. साधना अग्रवाल, मानवता तथा सामाजिक विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. जया द्विवेदी, मैकेनिकल विभाग की प्रोफेसर डॉ. एस. एल. सिन्हा, मानवता तथा सामाजिक विभाग के शिक्षण सहायक श्री सूरज निषाद, अन्य फैकल्टी सदस्य छात्र- छात्राएं तथा पीएचडी स्कॉलर भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समन्वयन मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग की योगा फैकल्टी डॉ. मंजू शुक्ला द्वारा किया गया।
श्री अश्विनी कुमार जग्गी जी ने तनाव के कारणों को समझाते हुए सत्र की शुरूआत की। उन्होंने बताया कि किसी भी काम में सत प्रतिशत ध्यान केंद्रित न करने की वजह से तनाव विकसित होता है। हम कभी भी वर्तमान क्षण में पूरी तरह से केंद्रित नहीं होते हैं और हमारा मन अतीत और भविष्य के बीच फंसा हुआ रहता है, जिससे क्रोध, चिंता तथा भय की भावना का विकास होता है। उन्होंने नकारात्मकता को मानसिक तथा शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया। उन्होंने उपस्थित लोगों को मनुष्य के शरीर, सांस, मन, बुद्धि, अहंकार, चेतना आदि के बारे में बताया और कहा कि हम सांस लेने की तकनीक की मदद से अपने मन को कैसे नियंत्रित कर सकते हैं। इसके पश्चात उन्होंने प्राणायाम की परिभाषा देते हुए वहां उपस्थित सभी जनों को कुछ प्रमुख प्राणायाम भी करवाए जिससे सभी तनाव से मुक्ति पा सकें।
इसके बाद संस्थान के निदेशक डॉ. एन वी रमना राव ने मानवता तथा सामाजिक विज्ञान विभाग के प्रति इस कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया तथा प्राणायाम के महत्व को बताते हुए सभी से प्रतिदिन प्राणायाम करने का आग्रह किया। कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस सत्र के बाद आर्ट ऑफ लिविंग और संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से सभी जनों को हर घर ध्यान सत्र में सक्रिय भागीदारी के लिए ऑनलाइन ई-सर्टिफिकेट भी मिला।