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संसद में आज भी राहुल गांधी के बोलने पर संशय, आखिरी वक्त में कांग्रेस ने क्यों बदली रणनीति

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 नई दिल्ली

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद यह तय माना जा रहा था वह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करेंगे। इसके लिए पार्टी ने बकायदा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के दफ्तर को पत्र भी सौंप दिया था। इसमें कहा गया था कि गौरव गोगोई की जगह राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करेंगे। लेकिन, कांग्रेस ने अंतिम वक्त में रणनीति बदल दी। आज भी इस बात पर संशय है कि राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव पर बोलेंगे क्योंकि उनका राजस्थान जाने का कार्यक्रम है। वैसे , एक चर्चा ये भी है कि राजस्थान जाने से पहले वह लोकसभा में बोल सकते हैं।

एक दिन पहले ही संसद में उनकी वापसी का जश्न मनाने के बाद, पार्टी गांधी के भाषण की तैयारी कर रही थी, यह उम्मीद करते हुए कि वह बहस के पहले दिन वह विपक्षी एकता में नई जान फूंकेंगे। उनका नाम पहले वक्ता के रूप में दिया गया था और मीडिया को पहले ही इसके बारे में बता दिया गया था लेकिन बहस शुरू होने से कुछ मिनट पहले, गांधी ने पार्टी के फ्लोर मैनेजरों से कहा कि वह बहस शुरू नहीं करना चाहेंगे। राहुल ने ऐसा क्यों कहा, इसकी वजह कई लोगों के लिए अभी भी एक रहस्य बना हुआ है।

इसके बाद कांग्रेस के फ्लोर मैनेजरों ने मार्शल के जरिए स्पीकर ओम बिरला को बताया कि असम के सांसद गौरव गोगोई, जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था, अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू करेंगे। राहुल के इस आश्चर्यजनक फैसले के लिए कांग्रेस सांसदों ने अलग-अलग कारण बताए हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए लोकसभा अध्यक्ष ने सबसे पहले जब गौरव गोगोई का नाम पुकारा, तो सभी चौंक गए। केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन में यह सवाल भी उठाया कि राहुल गांधी क्यों नहीं बोल रहे हैं। पर, गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत की और पूरी मजबूती से कांग्रेस और इंडिया गठबंधन का पक्ष रखा।

गौरव गोगोई का पूरा भाषण मणिपुर पर केंद्रित रहा। यही वजह थी कि राहुल गांधी ने ऐन वक्त पर पहले वक्ता के तौर पर बहस की शुरुआत नहीं करने का फैसला किया। सत्र के दौरान विपक्षी गठबंधन मणिपुर में चर्चा की मांग करता रहा है। ऐसे में पार्टी प्रस्ताव पर बहस के जरिए पूर्वोत्तर को संदेश देना चाहती थी। गोगोई असम से सांसद हैं और उन्होंने मणिपुर का दौरा भी किया है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा लेंगे। बुधवार को उनका राजस्थान का एक कार्यक्रम है, ऐसे में माना जा रहा है कि वह राजस्थान रवाना होने से पहले लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा ले सकते हैं। अगर किसी कारण से वह बुधवार को चर्चा में हिस्सा नहीं ले पाए, तो गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब से पहले वह सदन में अपनी बात रख सकते हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर गुरुवार तक चर्चा होनी है।