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‘यह अब दिल्ली में फर्जीपन का नहीं, सदन के अंदर फर्जीवाड़ा का मामला’, राघव चड्ढा पर भड़के शाह, कहा- होगी जांच

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नई दिल्ली
 राज्यसभा में सोमवार को ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023' को प्रवर समिति के पास भेजे जाने संबंधी आप सदस्य राघव चड्ढा के प्रस्ताव को लेकर सत्ता पक्ष के 5 सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उनकी सहमति के बिना प्रस्ताव में उनके नाम डाले गए और इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजा जाए। इन 5 सांसदों में बीजेपी के नरहरि अमीन, सुधांशु त्रिवेदी, नगालैंड से बीजेपी सांसद फांगनोन कोन्याक के अलावा बीजेडी के सस्मित पात्रा और एआईएडीएमके सांसद व लोकसभा के पूर्व उपसभापति थंबीदुरई शामिल हैं। उच्च सदन में जब ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023' पर चर्चा पूरी हो गई तब उपसभापति हरिवंश ने इसे पारित करवाने के क्रम में विपक्षी सदस्यों द्वारा लाए गए संशोधनों को रखवाना शुरू किया।

अमित शाह ने दिए जांच के संकेत
इसी क्रम में आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा का प्रस्ताव आया जिन्होंने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव था और इसमें समिति के सदस्यों के नाम भी थे। इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सदन के दो सदस्य कह रहे हैं कि उनके नाम उनकी सहमति के बिना प्रस्ताव में डाले गए और प्रस्ताव पर उनके हस्ताक्षर नहीं है। शाह ने कहा कि यह जांच का विषय है।

 मामला अब सिर्फ दिल्ली में फर्जीपने का नहीं
 शाह ने कहा, ‘‘यह मामला अब सिर्फ दिल्ली में फर्जीपन का नहीं है। यह सदन के अंदर फर्जीपने का मामला है।'' उन्होंने दोनों सदस्यों के बयान दर्ज करवा कर इस मामले की जांच करवाने के लिए कहा। बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा ने कहा कि प्रवर समिति में उनका नाम रखने के लिए उनसे सम्मति नहीं ली गयी थी। उन्होंने कहा कि यह विशेषाधिकार हनन का मामला है। इस पर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि चार-पांच सदस्यों ने कहा है कि उन्होंने समिति में अपना नाम नहीं भेजा है और इसकी जांच की जाएगी। अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई ने कहा कि उन्होंने भी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। गृह मंत्री शाह ने इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजे जाने की फिर मांग की। भाषा