नई दिल्ली
सोमवार से शुरू हो रहा मॉनसून सत्र का आखिरी सप्ताह बेहद हंगामेदार रहने की संभावना है। दोनों सदनों में अलग-अलग वजहों से माहौल गरम रहेगा। लोकसभा में जहां अविश्वास प्रस्ताव पर सप्ताह के दौरान चर्चा होनी है, वहीं राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर तकरार होनी तय मानी जा रही है। इसके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता बहाली के मुद्दे पर भी माहौल गरमाने की संभावना है।
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर इस सप्ताह चर्चा होगी जिसमें लंबी बहस के बाद प्रधानमंत्री का जवाब होगा। इस दौरान विपक्ष मणिपुर समेत तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। साथ ही विपक्ष को पलटवार का भी सामना करना पड़ सकता है।
यदि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से पूर्व राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हो जाती है तो फिर विपक्ष की तरफ से राहुल गांधी से ही चर्चा की शुरुआत कराई जा सकती है। ऐसे संकेत विपक्ष की तरफ से मिले हैं। लेकिन यदि राहुल गांधी की सदस्यता की बहाली में विलंब होता है तो कांग्रेस और विपक्ष दल इस मुद्दे पर भी आक्रामक हो सकते हैं कि जिस प्रकार की तेजी सदस्यता रद्द करने में दिखाई थी, वही तेजी अब बहाली में क्यों नहीं दिखाई जा रही है।
उधर, राज्यसभा में विपक्ष अपेक्षाकृत मजबूत स्थिति में है, इसलिए दिल्ली सेवा विधेयक तीखी बहस होनी तय है। हालांकि छह में से तीन तटस्थ दलों ने सरकार को इस विधेयक पर समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। जिनके 19 सदस्य हैं। जबकि एनडीए का अपना कुनबा करीब 110 सदस्यों का है। इंडिया के पक्ष में खड़े दलों के सदस्यों की कुल संख्या 97 ही है। 238 सदस्यों वाली राज्यसभा में विधेयक पारित करने के लिए सत्ता पक्ष को 120 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है। जो उसके लिए अब मुश्किल नहीं है।
बीआरएस हालांकि इंडिया के साथ नहीं है लेकिन इस मामले में वह आम आदमी पार्टी का साथ देते हुए विधेयक का विरोध कर सकती है। बीएसएपी और जेडीएस के एक-एक सदस्य हैं। लेकिन वह किसका समर्थन करेंगे यह स्पष्ट नहीं है।